अमेरिका और उत्तर कोरिया बातचीत में अनुक्रमण अधिकार पाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि कम्युनिस्ट देश में परमाणु हथियार कार्यक्रम को ध्वस्त किया जा सके और प्रायद्वीप के लिए एक नए भविष्यकी शुरुआत हो। हनोई में हुई बैठक के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन के गतिरोध के बाबत पूछने पर उन्होंने कहा कि “मैं इस बातचीत की जानकारी का खुलासा नहीं कर सकता हूँ क्योंकि यह निजी बातचीत थी।”
उज्जवल भविष्य का वादा सच्चा
माइक पोम्पिओ ने कहा कि “उत्तर कोरिया का भविष्य होने बेहतर होने का डोनाल्ड ट्रम्प की प्रतिबद्धता सच्ची है। लेकिन उन्हें उत्तर कोरिया में निरीक्षित परमाणु निरस्त्रीकरण करने की आवश्यकता है। वह उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव को कम करे। यह जापान और दक्षिण कोरिया की जनता और पूरे विश्व के लिए महत्व रखता है।”
उत्तर कोरिया के उप विदेश मंत्री चोए सोन हुई ने बीते माह हनोई में सम्मेलन को बर्बाद करने का आरोप अमेरिका के अधिकारियों पर लगाया है। वियतनाम में किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रम्प के मध्य दूसरा शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ था।
गैंगस्टर अमेरिका
तास न्यूज़ के मुताबिक उप विदेश मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि “हनोई सम्मेलन में अमेरिकी मांगों को पूरा करने का हमारा कोई इरादा नहीं है और न ही हम इस तरह की बातचीत में शरीक होने के इच्छुक है। अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पिओ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने माहौल को शत्रुतापूर्ण और अविश्वासी बना दिया था। इसलिए उत्तर कोरिया के नेता और अमेरिका के बीच बातचीत करने का रचनात्मक प्रयास बाधित हो गया था।”
जॉन बोल्टन का पलटवार
पलटवार करते हुए अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने रविवार को उत्तर कोरिया पर निशाना साधते हुए कहा कि “अफसोसजनक, वह अमेरिका के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण समझौते को नहीं करना चाहते हैं। उत्तर कोरिया इसे करने के इच्छुक नहीं है जो उसे करना चाहिए। बीती रात उन्होंने गैर जरुरी बयान जारी किया कि वह परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल का परिक्षण करेंगे। जो उनकी बेहतरी के लिए अच्छा विचार नहीं है।”
दा हिल के मुताबिक उन्होंने कहा कि “राष्ट्रपति इस खतरे को बातचीत के जरिये सुलझाना चाहते हैं। वह उत्तर कोरिया को परमाणु हथियारों से मुक्त देखता चाहते हैं।” हनोई में दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात का परिणाम कुछ ख़ास नहीं रहा और बिना समझौते के बैठक को रद्द कर दिया गया था। दक्षिण कोरिया के ख़ुफ़िया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया की तोंगचांग री मिसाइल साइट पर कार्य किया जा रहा है।