वाशिंगटन, 9 जुलाई (आईएएनएस)| अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जीवाश्म ईंधन उद्योग के लिए अपने समर्थन से चिंतित मतदाताओं को आश्वस्त करने का प्रयास करते हुए कहा है कि उनके प्रशासन की नीतियों ने अमेरिका को पर्यावरण के मुद्दे पर एक वैश्विक नेता बना दिया है।
समाचार एजेंसी एफे की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने सोमवार को व्हाइट हाउस में भाषण देते हुए कहा, “पहले दिन से मेरी सरकार ने धरती पर सबसे स्वच्छ हवा और स्वच्छ जल अमेरिका में भी सुनिश्चित करने को शीर्ष वरीयता पर रखा है।”
वहीं, उन्होंने आर्थिक वृद्धि की महत्ता पर भी जोर दिया।
रिपब्लिकन नेता ने कहा, “हम पर्यावरण की रक्षा करेंगे, लेकिन हम अमेरिकी संप्रभुता, अमेरिकी समृद्धि और अमेरिकी नौकरियों का भी संरक्षण करेंगे।”
साल 2015 के पेरिस समझौते से ट्रंप द्वारा 2017 में वापस आने के फैसले की आलोचना कर चुके डेमोक्रेट्स और पर्यावरणविद् ट्रंप के भाषण से बिल्कुल प्रभावित नहीं दिखे।
मीडिया के अनुसार, यह भाषण प्रशासन की पर्यावरणीय नीतियों से चिंतित लोगों की प्रतिक्रियाओं को देखते हुए दिया गया है। सरकार की पर्यावरण के प्रति नीतियां साल 2020 में राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की दूसरी बार दावेदारी प्रभावित हो सकती है।
जलवायु परिवर्तन को समस्या मानने के बावजूद ट्रंप ने पेरिस समझौते को अमेरिका के लिए अन्याय बताते हुए उसकी आलोचना की।
उन्होंने जोर देकर कहा कि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के मामले में अमेरिका सभी देशों से आगे है।
उन्होंने कहा, “हम अमेरिकी ऊर्जा को मुक्त कर रहे हैं और अमेरिका अब स्वच्छ, किफायती, अमेरिकी प्राकृतिक शुद्ध गैस का निर्यातक है।”
उन्होंने कहा, “साल 2000 से हमारे देश पर ऊर्जा संबंधित कार्बन उत्सर्जन धरती पर किसी अन्य देश की तुलना में सबसे ज्यादा मात्रा में कम हुआ है।”
अमेरिका का ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन 2018 में 3.4 प्रतिशत बढ़ा था जो पिछले आठ सालों में सर्वाधिक है। और ट्रंप ने 2030 तक उत्सर्जन को 32 प्रतिशत तक कम करने के उद्देश्य से अपने पूर्ववर्ती बाराक ओबामा द्वारा शुरू की गई स्वच्छ ऊर्जा योजना को भी बंद कर दिया। इस योजना के तहत आधार स्तर 2005 को माना गया था।