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    पाकिस्तान में आतंकी हमला

    दोहा, 9 जुलाई (आईएएनएस)| तालिबान ने अफगानिस्तान में ‘धार्मिक केंद्रों, स्कूलों, अस्पतालों, शैक्षिक केंद्रों, बाजारों, पानी के बांधों और कार्यस्थलों’ पर हमलों को रोककर हिंसा को कम करने पर सहमति जताई है, जो युद्धग्रस्त राष्ट्र में 18 साल के युद्ध के अंत में तेजी ला सकता है।

    मीडिया को यह जानकारी मंगलवार को दी गई। टोलो न्यूज के अनुसार, दोहा में सोमवार रात शांति पर इंट्रा-अफगान वार्ता सम्मेलन में लिया गया समझौता, काबुल के छह सदस्यों की एक समिति और तालिबान से तीन सदस्यों द्वारा तैयार एक प्रस्ताव के रूप में आया है।

    इस प्रस्ताव में नागरिक हताहतों की संख्या को खत्म करने और ‘इस्लामी ढांचे’ के भीतर महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए भी आह्वान किया गया।

    खामा प्रेस के अनुसार, हालांकि कतर के विदेश मंत्री के विशेष दूत मुतलक बिन माजिद अल कहतानी ने दोहा में इंट्रा-अफगान वार्ता की सफलता को ‘एक हजार मील की यात्रा’ में पहला कदम बताया।

    कहतानी ने कहा कि विवादित पक्षों के बीच हल निकालने के लिए प्रस्ताव पहला कदम हो सकता है।

    उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह आयोजन अफगानिस्तान में एक व्यापक और स्थायी शांति के लिए सार्थक प्रक्रिया की शुरुआत को चिह्नित करेगा।

    गैर-बाध्यकारी समझौता अमेरिकी वातार्कारों और विद्रोहियों के बीच सातवें दौर की वार्ता के रूप में आया है, जिसके मंगलवार को बाद में फिर से शुरू होने की उम्मीद है।

    दोनों पक्ष इस समझौते पर पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं कि अफगानिस्तान को एक आतंकी ठिकाने के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

    तालिबान की शर्त है कि अमेरिका जब तक वापसी के लिए समय सारिणी की घोषणा नहीं करता, तब तक वह अफगान सरकार के साथ सीधी बातचीत नहीं करेगा।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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