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    टीवी ट्यूनर कार्ड tv tuner card in hindi

    विषय-सूचि

    टीवी ट्यूनर कार्ड क्या है? (tv tuner card information in hindi)

    यह एक तरह का टीवी का ट्यूनर है जो की टीवी को कम्प्युटर की मदद से सिग्नल पकड़ने में मदद करता है।

    काफी टीवी ट्यूनर विडियो कैप्चर की तरह भी काम करते हैं जो की टीवी के प्रोग्राम को हार्ड डिस्क में स्टोर करने के काम आते हैं। यह एक तरह से वैसे ही काम करते हैं जैसे डिजिटल विडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) करता है।

    टीवी ट्यूनर कार्ड की जो सतह होती है वह ज़्यादातर या तो पीसीआई बस एक्सपेनशन कार्ड की तरह होती है या फिर पीसीआई एक्सप्रेस बस जो की काफी तरह के मॉड़म मे होते हैं उनकी तरह होती है।

    इसके अलावा पीसीएमसीआईए, एक्सप्रेस कार्ड और यूएसबी डिवाइस भी इसमे होते हैं। कार्ड में एक ट्यूनर और अनैलॉग डिजिटल कन्वर्टर के साथ साथ डीमोडयूलेशन और इंटरफ़ेस लॉजिक भी होता है।

    टीवी ट्यूनर कार्ड कैसे काम करता है? (working of tv tuner card in hindi)

    ट्यूनर रिसीवर को सही फ्रिक्वेन्सी पर सेट करता है जिससे की टीवी सिग्नल पकड़ पाए। इसके बाद रिसीवर सिग्नल को लेता है और बाहरी सोर्स से सिग्नल को डिमोड्यूलेट करता है।

    फिर वह सिग्नल को भागों में तोड़ता है और जो भी सिग्नल हमारे लिए उपयुक्त है उसे हमारे रिसीवर में देता है। यह सॉफ्टवेयर की मदद से सिग्नल को ले लेता है उसके बाद यह हमें चैनल बदलने का विकल्प भी देता है जैसे की हम साधारण टीवी में करते हैं उसी तरह के विकल्प इसमें भी होते हैं।

    कई बार सैटेलाइट टीवी भी आते हैं वह सीधा सैटेलाइट की मदद से चलते हैं। कुछ टीवी ट्यूनर कार्ड विडियो कार्ड की तरह भी काम करते हैं और जो भी प्रोग्राम टीवी पर आते हैं उन्हे रिकॉर्ड करने में हमारी मदद करते हैं।

    ट्यूनर के प्रकार (types of tv tuner in hindi)

    • अनैलॉग ट्यूनर (analog tuner) – अनैलॉग टेलीविज़न कार्ड रॉ विडियो स्ट्रीम का आउटपुट देता है जिसे की हम उसी समय देख सकते है पर हम अगर इसमे कुछ विडियो रिकॉर्ड करेंगे तो फिर इसकी क्वालिटी थोड़ी कम हो जाती है। कुछ कार्ड में अनैलॉग इनपुट भी होता है और कुछ में रेडियो ट्यूनर भी होता है। इसका एक उदाहरण है आपस कॉर्प जो की एपल मैक इंतोष के लिए 1989 में निकाला गया था।
    • हाइब्रिड ट्यूनर (hybrid tuner) – यह एक ही तरह का ट्यूनर होता है जो की अनैलॉग ट्यूनर या फिर डिजिटल ट्यूनर की तरह काम करता है। सिस्टम की अदला बदली इसमे काफी आसान होती है पर एक दम से उसी वक़्त नहीं हो पाती है।
    • कॉम्बो ट्यूनर (combo tuner)– यह एक तरह से हाइब्रिड ट्यूनर की तरह ही होता है पर इसमे दो अलग अलग ट्यूनर कार्ड में लगे हुए होते हैं। जिसमे एक अनैलॉग को देख सकता है डिजिटल सिग्नल को रिकॉर्ड करते करते। दोनों अलग अलग कार्डों में यह फायदा है की यह सस्ते होते हैं और कम्प्युटर के एक्सपेनशन स्लॉट में इसका फायदा होता है। जैसा की हमें पता है काफी प्रांतों में अनैलॉग से डिजिटल ब्रॉडकास्ट किया जाता है इस वजह से यह ट्यूनर महारत हासिल कर रहे हैं।

    अनैलॉग कार्ड की तरह हाइब्रिड और कॉम्बो ट्यूनर में कुछ चिप ट्यूनर कार्ड में होती हैं जो की सीपीयू की मदद से काम करती है। ट्यूनर कार्ड इस हार्डवेयर की मदद से अच्छी गुणवत्ता वाले परिणाम देता है।

    2006 और 2007 में छोटे यूएसबी ट्यूनर काफी लोकप्रिय हुए थे और यह आज भी चर्चित हैं। यह अंदाज़ा लगाया जा रहा है की यह काफी समय तक इस्तेमाल में ही रहेंगे जब तक लोगो के पास कोई नया विकल्प नहीं आ जाता है। आकार और तपत की वजह से इन ट्यूनरों में हार्डवेयर अंदर नहीं होता है।

    ज़्यादातर टीवी ट्यूनर रेडियो फ्रिक्वेन्सी और विडियो फ़ारमैट तक ही काम आते हैं। काफी तरह के टीवी ट्यूनर कम्प्युटर के डीएसपी में भी काम आते है। कुछ नए ट्यूनरों में फ्लैश मेमोरी होती है जो की फर्मवेयर को अपग्रेड करने में काफी उपयोगी होती है जिससे की हम विडियो फ़ारमैट को आसानी से बदल सकें।

    इस तरीके की मदद से हम काफी सारे देशों में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इस कार्ड में यह मुमकिन है की समानता की वजह से एक कार्ड के अनैलॉग फ़ारमैट से दूसरे फ़ारमैट में सिग्नल फ्लैश किया जाए। पर यह एक डिजिटल कार्ड से दूसरे डिजिटल कार्ड में यही काम नहीं कर सकता।

    टीवी ट्यूनर के फायदे (benefits of tv tuner card in hindi)

    इस कार्ड के वैसे तो काफी फायदे हैं जैसे की ईज़ी कैप इसका उदाहरण है। इसमे यह लाइव अनैलॉग सिग्नल को सीधा अनैलॉग या फिर डिजिटल मीडिया में बदल देता है।

    इस कार्ड के काफी तरह के डिज़ाइन होते हैं जिससे की इसमे यह सही तरीके से काम कर सकें। यह विडियो गेम और विडियो को रिकॉर्ड करने में भी काम आते हैं।

    विडियो कार्ड का बड़ा ही महत्तव्पुर्ण कार्य है वह है इंटरनेट पर चलती हुई लाइव विडियो और म्यूजिक को आसानी से रिकॉर्ड करता है।

    लाइव विडियो को हम अर्चिव भी करते हैं अगर इसकी इजाजत होती है तो ही इसको अर्चिव किया जाता है। इस तरह के कार्यों को करने के लिए कार्ड अलग से खरीदे जाते हैं और कम्प्युटर में लगाए जाते हैं।

    सीपीयू, मदरबोर्ड और एचडी कार्ड इसके रिकॉर्ड में महत्त्वपुर्ण भूमिका निभाते हैं और इसकी क्षमता को बढ़ाने का भी काम करते हैं।

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