कर्नाटक में टीपू सुल्तान की जयंती को लेकर वहां की सरकार ने शहर में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात कर सुरक्षा की कड़े इंतजाम की है। संवेदनशील इलाको में पुलिस की कड़ी नजर है और बड़ी तादात में सुरक्षाकर्मी तैनात किये गए है। क्योकि कर्नाटक सरकार इस मौके पर किसी प्रकार की अनहोनी नहीं चाहती है।
पुलिस के अनुसार राज्य सरकार द्वारा आयोजित टीपू जयंती से सम्बंधित किसी को भी जुलुस निकालने की इजाजत नहीं होगी। बेंगलुरु के पुलिस अधीक्षक टी सुनील कुमार ने कहा कि हम किसी भी व्यक्ति या समाज को जुलुस निकालने का निर्देश नहीं दे रहे है चाहे वह टीपू जयंती की पक्ष में हो या खिलाफ में। सरकार ने यह आयोजन शहर के हर क्षेत्र में कर रही है जिसके मध्यनजर हमने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये है।
टी सुनील कुमार ने कहा कि कर्णाटक राज्य पुलिस की 30 टुकड़ियों और दलों के अलावा शहर में पुलिसकर्मियों और अधिकारीयों को कड़ी सुरक्षा के साथ तैनात किया जायेगा। कुमार ने कहा कि हम शहर में 11 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात कर रहे है इसके अलावा होमगॉर्ड भी तैनात किये जा रहे है। जो कि राज्य में संवेदनशील इलाको में और अन्य जगहों पर किसी भी हताहत को रोकने के लिए किये जा रहे है।
उन्होंने बताया कि यह आयोजन उसी स्थान पर होगा जहा सरकार ने सुनिश्चित किया है। इसके अलावा अगर कोई समाज या गुट इस आयोजन के प्रति किसी प्रकार की छेड़छाड़ करता है। तो उसपर कड़ी कार्यवाई की जाएगी। कुमार ने कहा कि अभी तक हमने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है लेकिन अमूमन यदि कोई स्थिति पैदा होती है तो धारा 144 लगाई जा सकती है।
इस जयंती की शुरुआत कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने दो बर्ष पहले मनाना शुरू किया था। लेकिन उस दौरान भारतीय जनता पार्टी, कुछ दक्षिणपंथी और कोडावा समुदाय के लोगो ने इस जयंती का जमकर विरोध करते हुए यह आरोप लगाया कि टीपू सुल्तान धर्म के प्रति कट्टरवादी थे। उन्होंने बहुत से निर्मम लोगो की हत्या की और जबरन इस्लाम कबुल करवाया था। जो की हमारे हिन्दू समाज के खिलाफ है।