पाकिस्तान में ईशनिंदा यानी ईश्वर के खिलाफ अपमानजनक शब्दों के प्रयोग के आरोप में शीर्ष अदालत से बरी हुई असिया बीबी के खिलाफ इस्लामी समूह देश भर में प्रदर्शन कर रहे हैं। पाकिस्तान के एक इस्लामिक समूह ने शुक्रवार को कहा कि सरकार के साथ हुई डील के मुताबिक अगले तीन दिनों में देश के सभी प्रमुख शहरों में प्रदर्शन बंद कर दिए जायेंगे।
प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले इस्लामिक समूह तहरीक ए लाबैक समूह ने सरकार के साथ हुए समझौते के दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि आसिया बीबी का देश से बाहर जाना वर्जित है। ईशनिंदा मामले में बरी हुई ईसाई महिला को साल 2010 में मौत की सज़ा का इल्म था। उन्होंने कहा कि हम सरकार के साथ एक समझौते तक पहुंच गए हैं।
सरकार ने इस समझौते की पुष्टि करते हुए कहा कि आज रात तक प्रदर्शन ख़त्म हो जायेगा। आसिया बीबी के खिलाफ प्रदर्ष से दुनिया भर के ईसाईयों ने पाकिस्तान पर नाराजगी जताई है। सूत्रों के मुताबिक असिया बीबी की हत्या की जा चुकी है।
इस्लामिक प्रदर्शनकारियों के मुताबिक ईशनिंदा मामले में ईसाई महिला को मौत की सजा ही होनी चाहिए.उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम की मांग पर पाकिस्तान सरकार ने आसिया बीबी को रिहा किया है। शीर्ष अदालत ने फैसले में बताया था, कि आरोपी महिला के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद नहीं है।
आसिया बीबी के पड़ोसियों ने आरोप लगाया कि उसने उनके गिलास से पानी पिया था, जबकि वो मुस्लिम नहीं है। साथ ही पड़ोसियों ने ईसाई महिला पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव भी बनाया, लेकिन आसिया बीबी के इनकार करने पर उन्होंने कोर्ट में महिला के खिलाफ याचिका दायर की थी। पाकिस्तान के कानून के मुताबिक यदि कोई जबरन या इच्छा से एक बार इस्लाम कबूल कर ले, तो वह दोबारा कोई दूसरा धर्म नहीं अपना सकता है।
टीएलपी के नेताओं ने फरमान सुनाया था, कि आसिया बीबी को रिहा करने वाले जजों को चौराहे पर लाकर मौत की सज़ा दी जाए। आसिया बीबी का शुक्रवार से किसी से भी संपर्क नहीं हुआ है साथ ही उनका परिवार छिपा हुआ है। मीडिया जगत के अनुसार पाकिस्तानी विभाग आसिया बीबी को छिपाकर पाकिस्तान से बाहर भेज देंगे।
समझौते के मुताबिक प्रदर्शनकारी इस्लामिक समूह ने इस दौरान हुए नुकसान के लिए माफी मांगी है.। इस गतिरोध के दौरान पाकिस्तान में इन्टरनेट सुविधाओं को जाम कर दिया था और स्कूल, कॉलेज को जबरन बंद करवा दिया गया था।