सोनी पिक्चर नेटवर्क इंडिया (एसपीएन) और टाटा स्काइ के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में टाटा स्काइ ने सोनी 35 चैनलों को अपनी डीटीएच सुविधा से हटा दिया था। टाटा स्काइ ने इसके पीछे कारण स्पष्ट करते हुए कहा था कि सोनी इंडिया इन चैनलो को टाटा स्काइ पर दिखाये जाने के एवज में बहुत अधिक शुल्क की माँग कर रहा है।
उसके बाद दूरसंचार विवाद निवारण और अपीलीकरण न्यायाधिकरण (TDSAT) ने दोनों ही पक्षों को आपसी रजामंदी के साथ इस विवाद को सुलझा देने का सुझाव दिया था। इसके लिए TDSAT ने दोनों कंपनियों को 4 हफ्तों का समय दिया था।
इसके पहले टाटा स्काइ और सोनी इंडिया दोनों ने ही ये बात कही थी कि वे बातचीत के जरिये हल निकालने के लिए तैयार हैं। इसके तहत बातचीत के लिए सबसे बड़ा मुद्दा कीमतों को लेकर था। इसी क्रम में टाटा स्काइ ने बताया है कि सोनी इंडिया ने अपने चैनलों को टाटा स्काइ पर दिखाये जाने वाले अनुबंध के नवीनीकरण के एवज में 1,700 करोड़ रुपये की मांग की है।
मालूम हो कि सोनी के पास से आईपीएल प्रसारण के अधिकार छिन जाने के बाद से ही टाटा स्काइ और सोनी में अनबन शुरू हो गयी थी।
अब टाटा स्काइ ने सोनी इंडिया पर आरोप लगाया है कि सोनी द्वारा अनुबंध को दोबारा शुरू करने के एवज में 1,700 करोड़ कि मांग के चलते ही हमारी इस मुद्दे को लेकर बातचीत फिर से गर्त में चली गयी है।
टीडीएसएटी ने सोनों ही कंपनियों को स्पष्ट रूप से कहा था कि बेहतर होगा यदि दोनों ही कंपनियां आपसी राय के साथ ही इस मसले को सुलझा लें। इसके लिए टीडीएसएटी ने 12 अक्टूबर को आदेश देते हुए उस दिन से ठीक 4 हफ्तों के भीतर इस मसले को पूरी तरह सुलझा लेने के लिए बोला था।