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    जेट एयरवेज संकट

    देश के कारोबार के क्षेत्र में सबसे पुरानी व सबसे दिग्गज कंपनियों में से एक टाटा ग्रुप अब जल्द ही एक बड़ा सौदा करते हुए दिख सकती है। सूत्रों की माने तो टाटा ग्रुप जल्द ही कर्ज़ में डूबी जेट एयरवेज़ में बड़ा हिस्सा खरीद सकती है।

    टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार टाटा ग्रुप जेट एयरवेज़ की कुल मिलाकर 56 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रही है। जेट एयरवेज़ इन समय भरी कर्ज़ में डूबी हुई है। इसी के साथ वह अपने विमानों के ईंधन के साथ ही अपने कर्मचारियों के वेतन के लिए उपयुक्त धन का भी समुचित इंतजाम नहीं कर पा रही है।

    इसके पहले भी टाटा ने दो एयरलाइनों के साथ करार कर रखा है। टाटा ने सिंगापुर एयरलाइन के साथ मिलकर देश में विस्तारा एयरलाइन की शुरुआत की थी, वहीं मलेशिया की एयर एशिया ग्रुप के साथ मिलकर देश में एयर एशिया एयरलाइन की शुरुआत की थी।

    आपको साथ ही बताते चलें कि जेट एयरवेज़ के मालिक नरेश गोयल ही इस कंपनी के सबसे बड़े हिस्सेदार हैं, वहीं जेट एयरवेज़ में एतिहाद एयरलाइन का भी हिस्सा है।

    काफी समय से ये खबरें आ रहीं थीं कि जेट एयरवेज़ अपने कर्मचारियों को सैलरी उपलब्ध नहीं करवा पा रही है। इसी के साथ वह कई बार विमान ईंधन की पेमेंट करने में असमर्थ नज़र आई थी।

    बिजनेस स्टैण्डर्ड की एक रिपोर्ट की मानें तो इस डील को पूरा होनें में काफी अड़चनें आ रही हैं। इसके मुताबिक जेट एयरवेज की प्रबंधक टीम काफी मुश्किलें खड़ी कर रही है।

    टाटा समूह के अलावा इसके बारे में ब्लैकस्टोन फंड, टीपीजी और एतिहाद एयरवेज जैसी कंपनियों से भी बातें चल रही है।

    यदि ऐसी कोई भी डील होती है, तो उसके लिए जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल को अपने हिस्से के शेयर निकालने पड़ेंगे क्योंकि उनके पास कंपनी के 51 फीसदी शेयर हैं।

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