फरहान अख्तर अभी हाल ही में पुणे की यरवदा जेल में भारत का 70वे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हुए समारोह में शरीक हुए। फरहान ने वहाँ जेल के कैदियों को अपनी आगामी फिल्म ‘लखनऊ सेंट्रल’ दिखाने की इच्छा जताई है। अभिनेता का कहना है कि यदि उनको अनुमति मिल जाये तो वह अपनी फिल्म जेल के कैदियों को भी दिखाना चाहेंगे। फरहान की यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म में सलाखों में रहते हुए कैदी एक म्यूजिक बैंड बनाते है। फरहान भी इस बैंड का हिस्सा होते है।
जब फरहान से प्रश्न उठाया गया कि क्या उनकी ऐसी कोई योजना है जिससे जेल के कैदी भी उनकी आगामी फिल्म का लुफ्त उठा सके? फरहान ने इसका उत्तर दिया कि वह ‘लखनऊ सेंट्रल’ बेशक कैदियों को दिखाना चाहते है। इस सिलसिले में वो जेल के अधिकारियों से वार्तालाप करेंगे और व्यवस्था बैठाने की पूरी कोशिश करेंगे।
पुणे की यरवदा जेल के इस कार्यक्रम में पुलिस कर्मियों के अलावा लगभग तीन हज़ार कैदी भी शामिल थे। इसी कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक (जेल) भूषण कुमार उपाध्याय भी उपस्थित थे। भूषण ने आश्वासन दिलाते हुए कहा कि वो निश्चित रूप से जेल के कैदियों के लिए फिल्म के प्रदर्शन की कुछ न कुछ व्यवस्था करने का प्रयत्न करेंगे।
इस फिल्म में फरहान ‘किशन’ की भूमिका में नज़र आएंगे जो मुरादाबाद से वास्ता रखते है और जिनकी चाह एक बड़ा भोजपुरी सिंगर बनने की है। मगर, अपने सपनों को पूरा करना इतना आसान कहाँ होता है। कुछ ऐसा ही हुआ ‘किशन’ के साथ, एक कत्ल के इलज़ाम में उसको ‘लखनऊ सेंट्रल’ की चौखट पर दस्तक देनी पड़ जाती है। पर, जब फरहान की मुलाकात डायना पेंटी से होती है तब फरहान जेल के भीतर भी खुली आँखों से एक बार फिर अपने सपने देखने लगते है। डायना पेंटी फिल्म में एक एनजीओ वर्कर की भूमिका में नज़र आएगी, जिसका मकसद है जेल के कैदियों का एक म्यूजिक बैंड बनवाना।
यह फिल्म 15 सितम्बर, 2017 को सिनेमाघरों में रिलीज़ की जाएगी।