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    जेट एयरवेज संकट

    सूत्रों के अनुसार जल्द ही जेट एयरवेज में 3000 करोड़ रुपयों का निवेश होने जा रहा है जोकि एतिहाद एयरवेज और नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड(NIIF) द्वारा किया जाएगा।

    इसके साथ साथ यह भी खबर है की नर्ष गोयल की जेट एयरवेज में हिस्सेदारी में कटौती की जायेगी और उनकी वर्तमान 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी में से निवेश के बाद केवल 20 प्रतिशत तक रह जायेगी।

    एतिहाद एयरवेज भी करेगा निवेश :

    कंपनी द्वारा पेश किये गए डेब्ट रेजोल्यूशन प्लान के अंतर्गत जेट एयरवेज में सबसे बड़ा निवेश इसके स्ट्रेटेजिक पार्टनर एतिहाद एयरवेज का होगा। सूत्रों के अनुसार एतिहाद एयरवेज द्वारा जेट एयरवेज में लगभग 1400 करोड़ का निवेश किया जाएगा। इससे अतिहद एयरवेज की जेट एयरवेज में हिस्सेदारी की मात्र बढ़ेगी।

    बैंक बनेंगे सबसे बड़े हिस्सेदार :

    इकनोमिक टाइम्स के मुताबिक सूत्रों से मिली खबर के अनुसार एसबीआई अन्य बैंकों के साथ मिलकर कर्ज में डूबी जेट एयरवेज में कुल 8500 करोड़ रुपयों का निवेश करेगा ताकि इस घाटे को ख़त्म किया जा सके। इससे एसबीआई और एतिहाद एयरवेज दुसरे बैंकों के साथ मिलकर जेट एयरवेज के सबसे बड़े शेयरधारक बन जायेंगे। जैसे ही नरेश गोयल की 20 प्रतिशत से कम हिस्सेदारी होगी, वे जेट एयरवेज का नियंत्रण खो देंगे।

    इसका मतलब है की बैंकों द्वारा इतना निवेश करने के बाद वे ही जेट एयरवेज के सबसे बड़े हिस्सेदार बन जायेंगे। इसके साथ ही नरेश गोयल की हिस्सेदारी कम हो जायेगी और वे केवल प्रमोटर बनकर रह जायेंगे।

    लम्बे समय से घाटे में चल रही जेट एयरवेज :

    बतादें की पिछले काफी समय से जेट एयरवेज को लगातार घाटा हो रहा है जिसके चलते न ही तो यह अपना सञ्चालन कर पा रहा है ना ही यह अपने कर्मचारियों की वेतन अदायगी कर पा रहा है। इसके साथ ही एयरलाइन ने पिछली तिमाही में कुल 732 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में कमजोर परिचालन प्रदर्शन के कारण 186 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। अभूतपूर्व यातायात वृद्धि के बावजूद राजस्व 6,411 करोड़ रुपये रहा। इस कारण से एक डेब्ट रेज़ोलुशन प्लान बनाने की ज़रुरत पड़ी और विभिन्न संस्थाओं से निवेश करने की अर्जी लगाईं गयी।

    कुछ घरेलु और अंतर्राष्ट्रीय सेवाएं होंगी बंद :

    अपनी सेवाओं में बदलाव करने के बारे में मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बयान दिया की जनवरी से मार्च तक की अवधि में उनके संचालन में मंदी रहेगी क्योंकि इसका मुंबई का रनवे बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही कुछ चुनिन्दा रूटों पर प्रदान की जा रही सेवाओं को बंद कर दिया जाएगा ताकि लागत को कम करके घाटे से उबरा जा सके।

    इसके साथ साथ जिन सेवाओं के कारण एयरलाइन को सबसे ज्यादा घाटा हो रहा है वे सेवाएं बंद की जायेंगी। हालांकि आज एयरलाइन का व्यवसाय जेट एयरवेज जैसे वाहकों के लिए मुश्किल हो रहा है लेकिन फिर भी वे जल्द ही अपने हालातों में सुधार करेंगे और बेहतर बनाने की पूरी कोशिश करेंगे।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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