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    जीएसटी और जीडीपी

    केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि जीएसटी ने बाजारों के विस्तार एवं रिटर्न फाइलिंग के दबाव को कम कर व्यापारियों के कारोबार को आसान बना दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जीएसटी और विमुद्रीकरण के रूप में दो बड़े सरंचनात्मक सुधार किए। देश की अर्थव्यवस्था को इसका फायदा आगामी वर्षों में स्पष्ट रूप से देखने को मिलेगा।

    जेटली ने कहा कि जीएसटी ने व्यवसाय और व्यापार दोनों को आसान बना दिया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी ने देश के प्रत्येक व्यापारी के लिए बाजार का आकार बढ़ा दिया है। बतौर उदाहरण अब राजस्थान का व्यापारी बिना टैक्स दिए किसी अन्य राज्यों में अपने उत्पादों की ब्रिकी कर ​सकता है।

    जेटली ने दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2018 की ​दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.3 फीसद रही है। जोकि अपने तीन साल के पुराने स्तर वापस लौट आई है। आप को जानकारी के लिए बता दें कि वित्तीय वर्ष 2017 की पहली तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ 7.9 थी, जो खिसकर वित्तीय 2018 की पहली तिमाही में 5.7 फीसदी पर आ गई थी।

    जेटली ने कहा कि जीएसटी के जरिए व्यापारियों के टैक्स रिटर्न फाईलिंग को आसान बना दिया गया है। अब जीएसटी के तहत एक ही व्यापारी को विभिन्न टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जीएसटी स्लैब्स को और ज्यादा तर्कसंगत बनाने की कोशिश की जा रही है। एक व्यापारी को अब कर निरीक्षकों का सामना नहीं करना होगा।

    वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले साल नवंबर महीने में 500 तथा 1000 रूपए के नोटों को अमान्य किए जाने के बाद नोटबंदी का प्रभाव केवल एक या दो तिमाही तक ही सीमित रहा। उन्होंने कहा कि जीएसटी प्रभाव केवल एक तिमाही तक ही सीमित रहा, जिसकी वजह कॉर्पोरेट्स द्वारा डी-स्टॉकिंग रही। जीडीपी आंकड़ें बताते हैं कि सरकार ने जो संरचनात्मक सुधार किए है, इसका सीधा फायदा भारतीय अर्थव्यस्था को मिलने वाला है।