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    मुकेश अंबानी भारत अर्थव्यवस्था

    भारत के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के अनुसार साल 2030 तक भारत 10 ट्रिलियन डॉलर के साथ भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसी के साथ वैश्विक स्तर पर भारत और चीन के बीच आर्थिक रूप से फर्क कम हो जायेगा।

    हिन्दुस्तान टाइम्स द्वारा आयोजित एक कार्यकर्म ने मुकेश अंबानी ने इससे सम्बंधित बयान दिया। अंबानी ने आगे कहा कि विश्व में बड़ी मात्रा में विकास हो रहा है ऐसे में भारत इस विकास का प्रमुख हिस्सेदार है। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व एक बदले हुए भारत को देख रहा है और अगले तीन दशक भारत के लिए काफी अहम् होंगे।

    अंबानी ने आगे कहा कि 17वी शताब्दी के बाद से अब तक विश्व में तीन बड़ी औद्योगिक क्रांतियां हुई हैं और भारत उनमे हिस्सेदार नहीं हो पाया था। हालाँकि, उन्होंने कहा कि वर्तमान में एक नयी तरह की औद्योगिक क्रांति आ रही है, डेटा, कृत्रिम बुधिमत्ता और कंप्यूटिंग की क्रांति। उन्होंने कहा कि जिस तरह चीन निर्माण के बलबूते पर मजबूत बना था उसी तरह भारत बुधिमत्ता के दम पर विश्व पर राज करेगा।

    भारत के विश्वशक्ति बनने पर अंबानी ने तीन महत्वपूर्ण कारण बताये :

    1. “भारत एक युवा देश है। हमारी 63 फीसदी जनसँख्या 35 साल से कम उम्र की है। और हमारे युवा टेक्नोलॉजी में काफी दिलचस्पी लेते हैं। उनमे क्षमता है, जोश है और उनके पास बड़े सपने देखने का जज्बा है। मुझे यह कहने में कोई शंका नहीं है कि ये भारत देश को विश्व का नंबर एक स्टार्टअप देश बनायेंगे” अंबानी ने कहा।
    2. “भारत में मजबूत विनिर्माण (इंफ्रास्ट्रक्चर) की कमी हमारे लिए वरदान साबित हो सकती है। हमारे पास पुरानी तकनीक नहीं है इसका मतलब हमें बदलने की जरूरत नहीं है। हम तकनीक की कई पीढ़ियों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ सकते हैं” मुकेश ने आगे कहा।
    3. “तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण कारण है कि हमारे पास राजनैतिक सहारा है। हमारे प्रधानमंत्री ने सभी राजनैतिक पार्टियों को साथ लेकर डिजिटल इंडिया की शुरुआत की है, जो काफी मददगार साबित हो सकता है।”

    इसके बाद अंबानी ने कहा कि विश्व में इस समय शक्तियों का फेर-बदल हो रहा है। जिस प्रकार चीन ने अमेरिका को हाल के सालों में पछाड़ा है उसी तरह आने वाले कुछ सालों में भारत चीन को कड़ी टक्कर देगा।

    इस मामले में मुकेश ने कहा, “आज पूरा विश्व भारत और चीन के उदय की बात कर रहा है। मैं इन दोनों देशों के उदय से बिलकुल भी आश्चर्य चकित नहीं हूँ। विश्व के इतिहास को देखें तो 17वी शताब्दी से पहले भारत और चीन विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं थी। 300 साल पश्चिमी शक्तियों के शासन के बाद अब दोनों देश फिर से आगे बढ़ रहे हैं।”

    भारत के भविष्य के बारे में अंबानी ने कहा, “21वी शताब्दी के मध्य तक भारत के विकास की तेजी चीन से ज्यादा होगी। उस समय पूरा विश्व भारत के काम की सराहना करेगा।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।