गुजरात में दलित नेता के रूप में अपनी छवि बना चुके जिग्नेश मेवाणी को पुलिस सुरक्षा दी गयी है। यह सुरक्षा मेवाणी को शनिवार की रात ही उपलब्ध करायी गई। लेकिन जिग्नेश ने इसको लेकर कुछ सवाल खड़े कर दिए है। उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा इसलिए मुहैया करायी गयी है ताकि मेरी हरकतों पर नजर रखी जा सके।
उन्होंने सुरक्षा को लेकर साफ इंकार कर दिया है कि मुझे इसकी कोई जरूरत नहीं है। पत्रकारों से रूबरू होते हुए मेवाणी ने कहा कि सुरक्षा की जरूरत नहीं होने के बावजूद भी मेरे साथ दो सुरक्षाकर्मी लगा दिए है। ताकि मेरे ऊपर कोई हमला हो तो सरकार की बदनामी नहीं हो।
गौरतलब है कि गुजरात चुनाव से पहले राज्य में कई तरह के आंदोलन चल रहे है। जिसमे हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी, और अल्पेश ठाकुर अहम् किरदार निभा रहे है। हाल ही में जिग्नेश की मुलाक़ात कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी से हुई थी जिसमे मेवाणी ने कहा कि उनकी 17 मांगों को मान लिया गया था। कांग्रेस उसको अपने घोषणा पत्र में शामिल करने के लिए राजी भी है।
मेवाणी ने राहुल से मिलने के बाद कहा कि राहुल और बीजेपी की सोच अलग अलग है। बीजेपी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी किसी की भी नहीं सुनती केवल अपनी मनमानी करती है। राहुल से मुलाक़ात करने से पहले जिग्नेश ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि गुजरात की जनता बीजेपी मुक्त गुजरात देखना चाहती है। साथ ही जिग्नेश ने कहा की अगर कांग्रेस उनकी सारी मांगों को स्वीकार कर लेती है तो वह बाहरी समर्थन देने को तैयार है।
हालाँकि अल्पेश ठाकोर पहले ही कांग्रेस को अपना समर्थन दे चुके है। लगभग लगभग जिग्नेश मेवाणी भी कांग्रेस के साथ जा चुके है। लेकिन अभी हार्दिक पटेल का रुख साफ नहीं हुआ है क्योकि राहुल से मुलाक़ात करने के बाद उनकी पांच में से चार मांगो को कांग्रेस ने मान लिया था। आरक्षण वाले मुद्दे को लेकर कांग्रेस 8 नंवबर को फैसला लेगी।
फैसला आने के बाद हार्दिक का भी कांग्रेस के साथ जाना तय है।