अपने ग्राहकों को बेहतर सुविधा देने के लिए रिलायंस जियो और एयरटेल आर्टिफ़िश्यल इंटेलिजेंस की तरफ रुख करने जा रहे हैं। इसका उपयोग करके न सिर्फ ग्राहकों बेहतर सुविधा दी जा सकेगी, सुविधा पर आने वाली लागत में भी की जा सकेगी।
भारती एयरटेल ने अपने उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा देने के लिए गूगल से हाथ मिलाया है, जिसके चलते एयरटेल गूगल असिस्टेंट की मदद लेगा। वॉइस कमांड द्वारा संचालित होने वाली सहायता प्रणाली के चलते कंपनी को भी आर्थिक रूप से मदद मिलेगी।
वहीं दूसरी ओर जियो ने अपनी ‘माइ जियो’ एप में अपने यूजरों के लिए पहले से ही इस सुविधा को उपलब्ध करा रखा है।
विशेषज्ञों के अनुसार टेलीकॉम सेक्टर में एआई द्वारा वॉइस कमांड की सुविधा का लाभ मिलना काफी बेहतर अनुभव है, यह लंबे समय तक टिकने वाला है।
एआई का उपयोग करके टेलीकॉम कंपनियों को अपने ग्राहकों के साथ जुडने व उनकी समस्या का समाधान निकालने जैसी प्रक्रियाओं की लागत में 20 से 30 प्रतिशत तक की कमी कर पा रहीं हैं।
रिलायंस जियो इससे एक कदम और आगे बढ़ाती हुई दिख रही है। मुकेश अंबानी के बेटे व वर्तमान में जिओ के मुखिया आकाश अंबानी फिलहाल एआई क्षेत्र के पेशेवरों की एक टीम बना रहे हैं, जिसके बाद जियो घरेलू कामों में मदद के लिए एआई के प्रयोग को लेकर नए उत्पादों का निर्माण करेगी।
वहीं इस क्षेत्र में काम कर रहे विशेषज्ञों का मानना है कि एआई तकनीक लंबे समय तक टेलीकॉम क्षेत्र में अपना योगदान देती रहेगी। हालाँकि सुविधा हमेशा बैकग्राउंड में ही काम करेगी। इसी के चलते टेलीकॉम कंपनियाँ भविष्य के बाज़ार में अपनी लागत को घटा सकेंगी व अपने उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा प्रदान कर सकेंगी।