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    prakash-javadekar

    मोबाइल फ़ोन और इंटरनेट की दुनिया में धूम मचाने के बाद रिलायंस जियो अब शिक्षा में अपने पाँव पसार रहा हैl इसी को लेकर हाल ही में रिलायंस ग्रुप ने सरकार से सिफारिश कर अनुमति मांगी थी जिसका सरकार ने स्वागत कियाl

    इसी को लेकर शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर इसकी सराहना करीl अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा ‘ ऐसे शिक्षित संस्थान देश के लिए महत्वपूर्ण हैं हमारे पास 800 यूनिवर्सिटी हैं, लेकिन विश्व रैंकिंग में शीर्ष 100 या 200 में भी एक विश्वविद्यालय नहीं है। आज का निर्णय इसे हासिल करने में मदद करेगा।”

    परन्तु इसके बाद से ही तमाम विपक्षी दलों ने सरकार पर कई आरोप लगायेl राज्य सभा में बहस के दौरान अलग-अलग दलों के सदस्यों ने सरकार से इस पर स्पष्टीकरण देने की मांग की।

    उनके सवालो का जवाब एवं जियो इंस्टीट्यूट को लेकर सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों पर सफाई देते हुए मानव संस्थान मंत्री प्रकाश जावेडकर ने सफाई देते हुए कहा कि, “जियो संस्थान को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा नहीं दिया गया है। बल्कि उसे आशय पत्र प्रदान किया गया हैं” उन्होंने साफ-साफ कहा कि समिति द्वारा संस्थानों के चयन में सरकार की कोई दखलअंदाजी नहीं होती है।

    संस्थानों को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा देने का काम एक समिति करती है और सरकार ने इसमें अपनी दूरी बनाये रखी है।

    उन्होंने बताया कि सरकार ने अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2020 तक देश में समग्र शिक्षा योजना के तहत 75,000 करोड़ रुपए आवंटित किये हैl

    अपने ब्यान में आगे कहते हुए जावड़ेकर ने कहा कि, ” जियो इंस्टीट्यूट को प्रतिष्ठित संस्था का दर्जा नहीं दिया गया हैl केवल मंशा प्रपत्र जारी किया गया है.

    उत्कृष्ट संस्थान के लिए केंद्र सरकार द्वारा आवंटित 1,000 करोड़ केवल सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को ही प्रदान किए जाएंगेl जियो इंस्टिट्यूट को या अन्य निजी संस्थानों को सरकारी फंड नहीं दिए जाएंगेl”

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