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    अभिनेता जावेद जाफरी ने कहा कि अगर उनकी राय अलग है तो वह राष्ट्र-विरोधी नहीं हैं

    अभिनेता जावेद जाफरी को कुछ दिनों पहले उनके पुलवामा आतंकी हमला टिपण्णी के कारण सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया था। इतनी कड़ी आलोचना सहने के बाद, उन्होंने अपने बयान के लिए मांफी भी मांगी थी। और अब इस मामले के ऊपर उन्होंने IANS से बात की है।

    उनके मुताबिक, “अगर मेरी राय लोकप्रिय आवाज के समान नहीं है, तो इसे राष्ट्र-विरोधी कहना गलत है, और निश्चित रूप से इस तरीके से दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कार्य नहीं कर सकता। बेशक, जो लोग अपने विचार दूसरों पर थोपते हैं और विभिन्न राय के विकल्प को दबाते हैं, वो मात्रा में कम है मगर दुर्भाग्यवश, वही सबसे ज्यादा शोर मचाते हैं।”

    पुलवामा आतंकी हमले पर जावेद ने कहा था-“वो खुद को ‘जैश-ए-मोहम्मद’ कहते हैं। पैगम्बर के नाम के पीछे छुपना और इस्लाम के नाम पर इतने जघन्य, अमानवीय और कायरतापूर्ण कार्य करना कितनी शर्म की बात है। ऐसे धार्मिक संगठन और सरकारों पर भी शर्म आती है जो उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देते हैं।”

    इसके लिए, उन्हें कड़ी निंदा का सामना करना पड़ा जिसके परिणामस्वरुप उन्होंने ट्वीट किया-“मेरी हार्दिक मांफी मेरे दोस्त, फोल्लोवेर्स और देशवासियों के लिए है जो मेरे ट्वीट से दुखी हो गए हैं। उसे जिस तरीके से समझा गया है मेरा वो मतलब नहीं था। शब्दों का चयन गलत था। जज करने से पहले, कृपया मेरे पहले के ट्वीट पढ़ले जिसमे मैंने आतंकवादियों और पाकिस्तान की निंदा की है।”

    तो क्या उन्हें अपने विचार खुलके व्यक्त करने में डर लगता है?

    उन्होंने कहा कि यही वो लोग चाहते हैं। मगर वो ऐसा नहीं करेंगे। उनके मुताबिक, “मैं वास्तविक लोकतंत्र में विश्वास रखता हूँ, हर किसी की आवाज़ सुनी जानी चाहिए, वैचारिक मतभेद साथ रहने चाहिए और किसी भी स्तर पर पक्षपात नहीं होना चाहिए।”

    फिल्मों की बात की जाये तो, वो इस वक़्त अपनी आगामी फिल्म “टोटल धमाल” के प्रचार में व्यस्त हैं। फिल्म इस हफ्ते सिनेमाघरों में दस्तक देगी।

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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