Sun. Nov 17th, 2024
    जावेद अख्तर

    अनुभवी कवि, गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर का कहना है कि सांस्कृतिक क्षति के नाम पर कला को प्रतिबंधित करना गलत है और ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए, न तो पाकिस्तान में और न ही भारत में।

    मीडिया से बातचीत करते हुए अख्तर ने पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश मियां साकिब निसार के उस विवादित बयां पर बात की जिसमे ये कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट कभी भी भारतीय कंटेंट को पाकिस्तानी टीवी चैनल पर दिखाने की अनुमति नहीं देगा क्योंकि ऐसा करने से उनकी संस्कृति को नुकसान पहुंचेगा।

    अख्तर ने कहा- “ये सब गलत है, ऐसी कोई भी बात ना तो यहाँ से आनी चाहिए और ना ही वहाँ से। ऐसे कई सारे अच्छे सीरियल हैं जो वहाँ(पाकिस्तान) से आते हैं और वे यहाँ प्रसारित कर सकते हैं मगर नहीं करते, और हमारे अच्छे प्रोग्राम वहाँ प्रसारित किये जाने चाहिए, और उन्हें क्यों वहाँ प्रसारित नहीं करना चाहिए और कौनसी संस्कृति को नुकसान पहुँच रहा है? ना उनकी और नाही हमारी संस्कृति को क्षति पहुँच रही है।”

    उन्होंने आगे कहा कि ऐसे बयां देना गलत बात है और कला के रास्ते पर कभी प्रतिबन्ध नहीं लग सकता। उनके मुताबिक, “ये सब सिर्फ बाते हैं और लोग किसी ना किसी विषय पर बड़बड़ाते ही रहते हैं, कोई नहीं चाहता है कि गुलाम अली भारत आये और पाकिस्तान के लोग भी कुछ और कहते रहते हैं, लता मंगेशकर और आशा भोसले भी पाकिस्तान नहीं जा पाए।”

    “भारत में, लोगों को पाकिस्तानी कलाकार नहीं चाहिए, ये सब गलत है। जहां तक कला और संस्कृति का सवाल है, चाहे पाकिस्तान के लोग हों या भारत के, इसके लिए हर अवसर और रास्ता खुला होना चाहिए।”

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *