भारत, जापान और अमेरिका ने अपनी त्रिपक्षीय मिलकत में वैश्विक प्रमुख मसलों और साझा हितों से सम्बंधित बातचीत की थी। इस बैठक का मुख्य मुद्दा चीन के इंडो पैसिफिक इलाके में पाँव पसारना था।
नरेंद्र मोदी ने नए बने जापान, भारत और अमेरिका की साझेदारी को इंडो पैसिफिक इलाके में शांति और स्थिरता के प्रचार के लिए बनाया गया है।
मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह त्रिपक्षीय वार्ता तीनो राष्ट्रों के लिए एक बेहतरीन अवसर है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों का निर्वाह करते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व की शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए जापान, इंडिया और अमेरिका एक महत्वपूर्ण किरदार निभाएंगे।
उन्होंने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि भारत के दोनों रणनीतिक साझेदार हमारे बहुत अच्छे मित्र है। उन्होंने कहा कि यह हमारी अच्छी किस्मत है और हम साथ कार्य करेंगे।
विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि तीनों राष्ट्र इंडो पैसिफिक इलाके के खुले, मुक्त और शांति एवं समृद्धि के लिए रज़ामंद हैं। विदेश सचिव ने कहा कि यह बॉथक अच्छी रही थी। तीनों राष्ट्रों के प्रमुखों ने भारत मे सुधार और विकास कार्य को अमल में लाने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी।
इस बैठक के दौरान भारत ने इंडो-पैसिफिक इलाके का इस्तेमाल साझा आर्थिक वृद्धि के लिए करने की प्रतिबद्धता दिखाई थी। पीएम मोदी ने कहा था कि भारत साझा मूल्यों पर एकजुट होकर कार्य जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि जापान, इंडिया और अमेरिका मिलकर ‘जय’ बनते है, जिसका हिंदी में अर्थ सफलता होता है।
जी-20 के सम्मेलन के इतर भारत के प्रधामंत्री नरेन्द्र मोदी ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की थी। दोनों राष्ट्रों के प्रमुखों ने आर्थिक, ऊर्जा और सांस्कृतिक समझौतों से सम्बंधित बातचीत की थी। साथ ही सऊदी अरब और भारत के बीच तकनीक, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा में निवेश के बाबत चर्चा भी की गयी थी।
प्रधानमन्त्री ने ट्विटर पर लिखा कि सऊदी के क्रो प्रिंस के साथ मुलाकात फलदायी रही है। उन्होंने कहा कि हमने भारत और सऊदी अरब के संबंधों से सम्बंधित कई मुद्दों पर विचार किया और आर्थिक, सांस्कृतिक और ऊर्जा संबंधों के विस्तार से सम्बंधित बातचीत की थी।