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    भारत के पीएम मोदी और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान

    एर्जेंटिना में आयोजित जी-20 के सम्मेलन के इतर भारत के प्रधामंत्री नरेन्द्र मोदी ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की थी। दोनों राष्ट्रों के प्रमुखों ने आर्थिक, ऊर्जा और सांस्कृतिक समझौतों से सम्बंधित बातचीत की थी।

    साथ ही सऊदी अरब और भारत के बीच तकनीक, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा में निवेश के बाबत चर्चा भी की गयी थी। प्रधानमन्त्री ने ट्विटर पर लिखा कि सऊदी के क्रो प्रिंस के साथ मुलाकात फलदायी रही है। उन्होंने कहा कि हमने भारत और सऊदी अरब के संबंधों से सम्बंधित कई मुद्दों पर विचार किया और आर्थिक, सांस्कृतिक और ऊर्जा संबंधों के विस्तार से सम्बंधित बातचीत की थी।

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि सऊदी अरब और भारत के मध्य समझौतों को गहरा बनाने के लिए बातक हुई है। साथ ही कई क्षेत्रों में निवेश चर्चा की की गयी थी।

    प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक बीते कई सालों में सऊदी अरब भारत का मूल्यवान साझेदार रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे संबंधों का भारतीय समुदाय के आलावा अन्य क्षेत्रों में भी विस्तार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मसलो से सम्बंधित सभी मसलों पर बातचीत की गयी थी।

    पीएम मोदी इसके बाद संयुक्त राष्ट्र के सचिव ऐंटनियों गेट्रेस से मुलाकात करेंगे। यूएन सचिव् और भारतीय पीएम जलवायु परिवर्तन से सम्बंधित मसलों पर चर्चा करेंगे। लगातार दो महीनों में दो दफा पीएम मोदी यूएन सचिव के साथ मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि यह मुलाकात जलवायु परिवर्तन पर दोनों नेताओं की गम्भरीता को दर्शाये गए। अगले हफ्ते पोलैंड में कोप24 की बैठक का आयोजन होगा।

    नवम्बर के आखिरी वक्त में बूएनोस में जी-20 सम्मेलन का आयोजन होगा। इस सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और जापान के प्रधानमंत्री शिन्जों अबे त्रिपक्षीय मुलाकात करेंगे। एर्जेंटिना में आयोजित आगामी जी-20 की बैठक के इतर भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और रुसी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे।

    इस आयोजन की थीम: ‘सतत और निष्पक्ष विकास के लिए रजामंदी का विस्तार करना’ या बिल्डिंग कौन्सेन्सस फॉर फेयर एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट है। इस आयोजन को तीन भागों में विभाजीत किया गया है, पहला’ जनता पहला, दूसरा’ आम सहमती का विस्तार करना और तीसरा अवसरों को भुनाना है। भारत इसमें तेल की बढती कीमतों की चिंता को उठाएगा क्योंकि इससे सीधे भारत की अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है। साथ ही कैसे डिजिटल आन्दोलन रोजगार के अवसरों को बढ़ाएगा, पर भी बातचीत की जाएगी।

    प्रधानमन्त्री इस समारोह में भारत जन धन योजना, मुद्रा स्कीम, आयुष्मान भारत जैसे विशेष कार्यकर्मों के बाबत भी बतायेंगे। पीएम मोदी चीन राष्ट्रपति शी जिंगपिंग और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से भी मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि 10 वर्षों में जी-20 ने स्थिर और सता वैश्विक वृद्धि को कायम रखा है। इसका मकसद विकासशील देशों और उभरती अर्थव्यवस्ता वाले देशों के लिए सार्थक है, मसलन भारत जो आज विश्व की सबसे तेज़ी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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