भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सालाना शिखार सम्मेलन के लिए जापान के दौरे पर जायेंगे। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के लिए उन्हें लेने हवाई अड्डे पर आयेंगे।
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने जैसा अहमदाबाद में शिंजो अबे के सत्कार में किया था ठीक उसी प्रकार जापानी प्रधानमंत्री पीएम मोदी की आवभगत में करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी विश्व के पहले नेता है जिन्हें शिंजो अबे ने यामनाशी में स्थित निजी विला में डिनर के लिए आमंत्रित किया है। सूत्रों के मुताबिक जापान के नेता और सांसद इस रात्री भोजन में शरीक होंगे।
यामनाशी को एमटी फूजी की वजह से जाना जाता है। एमटी फूजी टोक्यो से 100 किलोमीटर दूर स्थित ज्वालामुखी है। एमटी फूजी को जापान के सबसे खतरनाक पर्वतों में से एक माना जाता है।
दोनों राष्ट्रों के प्रमुखों के मध्य अधिकारिक वार्ता टोक्यो में 29 अक्टूबर को होगी। पीएम मोदी 28 अक्टूबर को यामनाशी में रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी को यामनाशी में एफएएनयुसी रोबोटिक सुविधायों को दिखाने के लिए भी ले जा जायेगा। शाम को जापान के प्रधानमंत्री के साथ यामनाशी के विला पर पीएम मोदी रात्रिभोज का आनंद उठाएंगे।
दोनों राष्ट्रों ने अपने संबंधों को साल 2014 में हुए स्पेशल ग्लोबल एंड स्ट्रेटेजिक पाटनरशिप में प्रगाढ़ कर लिया था। जापान के लिए चीन को जवाब देने के लिए भी भारत एक महत्वपूर्ण सहयोगी साबित होगा। चीन को करारा जवाब देने के लिए जापान भारत के साथ रक्षा समझौतों को मज़बूत करने योजना बना रहा है।
जापानी राजदूत ने बीते हफ्ते कहा था कि जापान को भारत का समुद्री क्षेत्र में सहयोग चाहिए। विशेषकर इंडो-पैसिफिक इलाके में क्योंकि वहां चीन की दखलंदाज़ी लगातार बढ़ती जा रही है।
भारत के प्रधानमंत्री के आगमन से पूर्व जापान के प्रधानमंत्री चीन के दौरे पर हैं। बीते आठ सालों में जापान के नेता की चीन की पहली यात्रा है। हालांकि जापान चीन की विस्तारवादी नीति से परेशान है।
भारत और जापान के प्रमुख अमेरिका और चीन के मध्य चल रहे व्यापार युद्ध से बचाव का भी समाधान निकलने की कोशिश करेंगे। जापान और चीन के मध्य विवाद पूर्वी चीनी सागर में स्थित जापान का सेनकाकू और चीन का दिओयु के वजह से उपजा था।