मलेशिया में पनाह लिए जाकिर नाइक को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। मलेशिया की सरकार ने अब खुद पेशकश की है कि अगर भारत सरकार जाकिर नाइक को वापस ले जाना चाहेगी तो वह उसे वापस कर देंगे। मलेशिया के उप प्रधानमंत्री अहमद जाहिद हमीदी ने कहा कि अगर भारत सरकार जाकिर के प्रत्यर्पण के लिए आवेदन करेगी तो वे उसे सौंप देंगे।
मलेशिया के उपप्रधानमंत्री ने कहा है कि भारत के तरफ से कोई आवेदन नहीं आया है। हमीदी ने कहा कि हमारी सरकार जाकिर नाइक का पासपोर्ट अभी रद्द नहीं कर सकती है। क्योकि नाइक ने अभी तक मलेशियन कानून का किसी प्रकार से उल्लंघन नहीं किया है। जिसके आधार पर हम नाइक को किसी बंदिश में रख सके।
हाल ही में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि वे जाकिर नाईक के वापसी के लिए मलेशिया सरकार से आवेदन करेंगे। विवादित धर्मगुरु जाकिर नाइक पर युवाओ को धार्मिक कट्टरता फ़ैलाने का आरोप है। इस मामले कि जांच एनआईए की टीम कर रही है। अखबारों के मुताबिक जाकिर नाइक को पांच बर्ष पहले ही मलेशिया के स्थाई निवासी का दर्जा प्रदान कर दिया गया था।
देशद्रोह के साथ जाकिर नाइक पर आतंकी बनने के लिए उकसाने का आरोप है।
एनआईए की टीम ने नाइक के खिलाफ मुंबई शाखा में वभिन्न मामले दर्ज किये थे। 2016 में बांग्लादेश के ढाका में हुए आतंकी हमले के बाद जाकिर नाइक एनआईए के रडार पर आ गया था। हमले के बाद आतंकियों द्वारा आये फरमान में उन्होंने कहा कि जाकिर नाइक के भाषण से प्रेरित होकर हमने यह हमला किया है। जिसके बाद नाइक भारत से 1 जुलाई 2016 को फरार हो गया था।
जाकिर नाइक के फाउंडेसन को गृह मंत्रालय पहले ही गैर क़ानूनी घोषित कर चूका है। साथ ही भारत सरकार नाइक का पासपोर्ट भी रद्द करवा चुकी है इसके अलावा जाकिर नाइक पर गैर जमानती वारंट भी जारी किये गए है। मुंबई में नाइक की संस्थाओ को भी बंद करवा दिया गया है।