श्रीनगर, 24 मई (आईएएनएस)|कश्मीर के वांछित आतंकवादी कमांडर व अल कायदा से संबद्ध संगठन अंसार गजवातुल हिंद के प्रमुख जाकिर मूसा के मारे जाने की खबर फैलने के बाद श्रीनगर, पुलवामा, शोपियां और कश्मीर घाटी के कुछ अन्य स्थानों में विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने शुक्रवार को घाटी के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध लागू कर दिए हैं।
मारे गए आतंकवादी के शव को अंतिम संस्कार के लिए उसके परिवार को सौंप दिए जाने के बाद जम्मू एवं कश्मीर के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया।
कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए घाटी में मोबाइल व इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। यहां तक कि भड़काऊ पोस्ट और तस्वीरों को अपलोड करने से रोकने के लिए फिक्स्ड लैंडलाइन ब्रॉडबैंड कनेक्शन की स्पीड को भी कम कर दिया गया है।
राजधानी श्रीनगर, दक्षिणी कश्मीर पुलवामा, अनंतनाग, शोपियां और कुलगाम जिलों में और घाटी के अन्य संवदेनशील इलाकों में सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गई है।
त्राल क्षेत्र में दादासरा गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने घेराव कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया, जिसके बाद मूसा सुरक्षाबलों द्वारा पुलवामा जिले में मारा गया।
एक सूत्र ने कहा, “फंसे हुए आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करने के लिए राजी किया करने की कोशिश करने पर उन्होंने हथगोले फेंके और गोलीबारी करनी शुरू कर दी, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई।”
मृतकों में से एक की पहचान जाकिर मूसा के रूप में हुई जो 2017 में मारे गए आतंकवादी बुरहान वानी का करीबी सहयोगी था।
मूसा का असली नाम जाकिर राशिद भट्ट था जो हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकवादी था और बाद में उसने अल कायदा से संबद्ध संगठन की अगुवाई की। वर्ष 2013 में उसने आतंकवाद की दुनिया में कदम रखा था। जाने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों द्वारा एहतियात के तौर पर ये कदम उठाए गए हैं।