जमाल खशोगी की हत्या की जांच कर रहे संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं ने गुरूवार को तुर्की में कहा कि “उन्हें पर्याप्त सूचना नहीं मिली है जिसकी उन्हें जरुरत थी, लेकिन एक सफलतापूर्वक जांच की उम्मीद है। वांशिगटन पोस्ट में कार्यरत जमाल खशोगी अमेरिका के निवासी थे। तुर्की के इस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के दूतावास में उनकी 2 अक्टूबर को हत्या कर दी गयी थी। सऊदी दूतावास में वह अपने निकाह से समबन्धित दस्तावेज लेने गए थे।
अमेरिकी ख़ुफ़िया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने जमाल खशोगी की हत्या के आदेश दिए थे। जमाल खशोगी सऊदी अरब और क्राउन प्रिंस का मुखर आलोचक थे। अलबत्ता, सल्तनत ने उनके भावी बादशाह के इस हत्या में शामिल होने के आरोपों को खारिज कर दिया है।
यूएन के विशेष दूत एग्नेस काल्लामार्ड एक सप्ताह लम्बी जांच के लिए तुर्की में हैं। इस दौरान उन्होंने अंकारा और इस्तांबुल के सरकारी मंत्रियों, ख़ुफ़िया विभागों और प्रमुख अभियोक्ता से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि “हमारी यहाँ कई बेहतर बातचीत हुई, लेकिन अभी हम निराश है क्योंकि जांच के लिए करुरी सभी जानकारी हमें नहीं दी गयी है। हालांकि हमें उम्मीद है कि विभाग अपनी प्रतिबद्धता के मुताबिक सभी जानकारी जल्द ही हमें सौंप देगा। साथ ही पुलिस कार्रवाई से सम्बंधित दस्तावेज भी हमें मुहैया करेगा।”
मगलवार को यूएन के विशेष दूत इस्तांबुल के दूतावास में गयी थी लेकिन प्रवेश नहीं कर पायी, उन्होंने कहा कि वह सऊदी सरकार से किये गए आग्रह को मंज़ूरी देने की प्रतीक्षा कर रही थी। उन्होंने कहा कि वह मई के अंत तक अपनी रिपोर्ट प्रकाशित करेंगी, हालांकि तारीख में कुछ परिवर्तन हो सकते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ कॉलोअम्बिया के निदेशक कॉलमार्ड के साथ ब्रिटेन की बर्रीएस्टर हेलेना कैनेडी और पुर्तगाल की फॉरेंसिक पैथोलोजिस्ट नुनो विएरा भी इस जांच में शामिल हैं।
वैश्विक समुदाय के दबाव के बाद सऊदी अरब के शासन ने 22 अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। एमनेस्टी इंटरनेशनल, मानवधिकार समूह और अन्य समूह स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय जांच की मांग कर रहा था।