छत्तीसगढ़ में दुसरे चरण के चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस को छत्तीसगढ़ और देश दोनों में विश्वसनीयता के संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कांग्रेस पर राजनीतिक लाभ के लिए झूठ बोलने का आरोप लगाया।
रायपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि देश में नक्सलवाद अपनी आखिरी साँसे गिन रहा है और ये अगले 3 से 5 सालों में दम तोड़ देगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां विश्वसनीयता के संकट से गुजर रही हैं। कांग्रेस सबसे कमजोर हो चुकी है और अपनी क्षमता खो चुकी इसलिए उसे छत्तीसगढ़ में अपने मुख्यमंत्री के प्रत्याशी की घोषणा नहीं की। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए उसे ‘बिना दूल्हे की बारात’ बताया।
कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र को “दिवालिया बैंक का पोस्ट डेटेड चेक” के रूप में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने इसमें झूठे वादे किए हैं। उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस द्वारा जारी घोषणापत्र एक स्वीकारोक्ति है कि पार्टी ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है। इसका घोषणापत्र दिवालिया बैंक के पोस्ट-डेटेड चेक की तरह बेकार है, व्यर्थ है।’
राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने गरीबी हटाने का नारा दिया था लेकिन इनके शासन में गरीबों को सबसे ज्यादा मुसीबतें उठानी पड़ी। 1969 में कांग्रेस की सरकार ने बैंको का राष्ट्रीयकरण किया था लेकिन फिर भी गरीबों को कोई फायदा नहीं हुआ।
नक्सलवाद का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कभी 90 जिलों तक फैले नक्सली आज सिमट कर सिर्फ 10-11 जिलों तक रह गए हैं। बहुत जल्द हो भी खत्म हो जाएंगे।
दुसरे चरण में छत्तीसगढ़ की 90 सीटों में से 72 सीटों के लिए मतदान 20 नवम्बर को होगा। पहले चरण में 18 सीटों के लिए 12 नवम्बर को वोट डाले गए थे। नक्सल प्रभावित राज्य होने के कारण यहाँ दो चरणों में चुनाव कराये जा रहे हैं। चुनाव परिणाम की घोषणा 11 दिसंबर को की जायेगी।