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    चीन शिंजियांग

    चीनी सरकार शिंजियांग प्रांत में रहने वाले उइघुर समुदाय पर काफी समय से अत्याचार कर रही है। चीनी सरकार ने शिंजियांग में इस्लाम धर्म को मानने वाले उइघुर समुदाय के लोगों पर धार्मिक तरीके से हिंसात्मक कार्रवाई की थी।

    अब ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने बुधवार को रिपोर्ट में कहा है कि चीनी अधिकारियों ने उइघुर मुस्लिम समुदाय के लाखो लोगों के बायोमेट्रिक्स आंकडे, डीएनए नमूने, उंगलियों के निशान एकत्रित किए है।

    चीनी अधिकारियों ने शिंजियांग क्षेत्र में 12 से 65 वर्ष के बीच के सभी आयु के लोगों की आंखों का स्कैन और सभी प्रकार के रक्त का डेटाबस तैयार किया गया है। कुछ विशेषज्ञों ने इसे खुली हवा की जेल करार दिया है।

    ह्यूमन राइट्स वॉच ने अंदेशा जताया है कि चीनी अधिकारियों द्वारा एकत्रित किए गए आंकडे जातियों व धार्मिक आधार पर व्यक्तियों की निगरानी के लिए किए जा सकते है। साथ ही इनका गलत फायदा उठाया जा सकता है। चीन के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित शिंजियांग प्रांत में चीनी अधिकारियों द्वारा लंबें समय से उइघुर समुदाय के लोगों का शोषण किया जा रहा है।

    इस क्षेत्र में भारी सशस्त्र सैनिक आम तौर पर मौजूद रहते है। दरअसल चीनी सरकार इस्लामी चरमपंथियों के लिए अपनी लड़ाई को मजबूत करने की मांग कर रही है। शिंजियांग प्रांत में उइघुर समुदाय के लाखों लोग इस्लाम धर्म को मानते है। चीनी सरकार का निशाना ये ही लोग बने हुए है।

    अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानदंडों का उल्लंघन बताया

    ह्यूमन राइट्स वॉच ने बताया है कि चीनी अधिकारियों द्वारा उइघुर लोगों के आंकडे एकत्रित करना मेडिकल चेक-अप भी हो सकता है। लेकिन ज्यादातर उइघुर मरीजों को यह नहीं पता था कि उनकी मेडिकल जांच व बायोमेट्रिक डेटा को पुलिस को भेज दिया जाएगा।

    अब उइघुर समुदाय के नागरिकों को चिंता सता रही है कि पुलिस प्रशासन इन डेटा से उन्हें जबरन परेशान कर सकता है। उइघुर नागरिकों का मेडिकल चेक-अप स्वैच्छिक ही था। लेकिन स्थानीय नेताओं ने मांग की थी कि सभी लोगों को भौतिक रूप से शामिल होना जरूरी है।

    चीनी समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक करीब 1.9 करोड़ लोगों ने भौतिक रूप से भाग लिया था। ह्यूमन राइट्स वॉच के अधिकारी के मुताबिक उइघुर लोगों के डीएनए समेत पूरी आबादी का बायोडेटा लेना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानदंडों का गंभीर उल्लंघन है। हालांकि चीनी अधिकारियों का दावा है कि इस जानकारी का उद्देश्य गरीबी उन्मूलन योजना की नीतियों में सुधार करना है।