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    Taiwan President Tsai Ing-wen announces her resignation as chairwoman of the Democratic Progressive Party (DPP) after local elections in Taipei, Taiwan November 24, 2018. REUTERS/Ann Wang

    ताइवान की राष्ट्रपति तसाई इंग वेन ने नए साल के अवसर पर चीन में लोकतंत्र की अवधारणा की कमी के बाबत बात कही थी। उन्होंने उम्मीद जताई कि रूढ़िवादी चीनियों को विश्व मे फैले लोकतंत्र का आशीर्वाद मिले। चीन के लिए ताइवान एक बेहद संवेदनशील मसला है और बीजिंग इसे अपने मुल्क का भाग मानता है। साल 2016 में स्वतंत्रता समर्थक दल डेमोक्रेटिव प्रोग्रेसिव पार्टी की तसाई राष्ट्रपति पद पर आसीन हुई और इसके बाद ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ताइवान पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था।

    सही ज़िनपींग ने हाल ही में बयान दिया था कि नियंत्रण के लिए चीनी सेना ताइवान में बल का इस्तेमाल करना बंद नही करेगी और शांति पूर्ण एकीकरण एक मात्र हाल है।

    ताइवान की राष्ट्रपति ने कहा कि “मुल्क अपनी  सांस्कृतिक परंपराओं को बरकरार रखने में सक्षम है और स्वतंत्रता और लोकतंत्र के मूल्यों को कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध है।”

    उन्होंने कहा कि “जिन देशों में लोकतंत्र की कमी है, वह इस प्रतिबद्धता को नही समझेंगे। उम्मीद है कि रूढ़िवादी चीनी विश्व मे फैले आशीर्वाद को महसूस कर सकते हैं।” हालांकि ताइवान की राष्ट्रपति ने सीधे तौर पर चीन का नाम नही लिया है।

    तसाई वें ने कहा कि “मैं घर और विदेश में संजातीय चीनी मित्र के लिए नव वर्ष की तीन शुभकामनाएं देना चाहती हूं। उम्मीद है कि आप सब स्वतंत्रता, लोकतंत्र और समृद्धि का लुत्फ उठाएंगे।” इस बयान पर चीन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नही आई है। शी जिनपिंग का भी रविवार को नए साल का संबोधन था हालांकि इसमें उन्होंने ताइवान का जिक्र नही किया था।

    ताइवान में आगामी वर्ष राष्ट्रपति चुनावो का आयोजन होना है। ताइवान की राष्ट्रपति ने चीन को मुल्क की स्वतंत्रता का सम्मान करने को कहा है। ताइवान चीन के निरंकुश शासन को स्वीकार नही करता है। राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ‘एक राष्ट्र, दो प्रणाली’ के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। चीनी राष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव के तहत शांतिपूर्ण एकीकरण के लिए कहा था।

    एक देश, दो प्रणाली का हांगकांग से ली गयी है, हांगकांग चीनी क्षेत्र फल का हिस्सा है लेकिन उसने अपनी स्वायत्तता  को बरकरार रखा है। तैवान और चीन एक गृह युद्ध के दौरान अलग हो गए थे, जब साल 1949 में कम्युनिस्ट सरकार सत्ता में आई थी। विरोधी राष्ट्रवादियों ने ताइवान में अपनी सरकार का गठन किया, ताइवान का द्वीप चीन से 160 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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