Wed. Apr 24th, 2024

    पाकिस्तान की इमरान खान सरकार हज सब्सिडी को खत्म करने पर उतारू है और इसके खिलाफ सदन के अंदर और बाहर काफी विरोध प्रदर्शन हो रहा है। विपक्षी दल जमात ए इस्लामी ने इमरान खान सरकार की हज नीति को  लेकर न निराशा जताई है। उन्होंने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि देश को मदीना में तब्दील करने का वादा किया था।

    सांसद ने कहा कि ‘समस्त राष्ट्र इस हज नीति को लेकर चिंतित है। सरकार को हज के खर्च में आवाम को रियायत बरतनी चाहिए। खर्च में वृद्धि से हज की पाक यात्रा का खर्च गरीबों की जेब मे नही होगा।”

    ट्रिब्यून के मुताबिक गुरुवार को संसद में हज नीति 2019 का ऐलान किया गया, जिसके तहत हज यात्रियों को अब 456426 रुपये अदा करने होंगे जबकि पिछले साल एक व्यक्ति को 280000 रुपये अदा करने पड़ते थे। शुक्रवार को अहमद ने सरकार के इस कदम को ड्रोन हमले करार दिया और हज की यात्रा अब मुश्किल हो गया है। उन्होंने निराशा व्यक्त की कि सरकार ने ऐसे धार्मिक मुद्दे पर कॉउन्सिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी की भी सलाह लेना जरूरी नहीं समझा।

    मुस्ताक ने कहा कि कभी आवाम को मक्का और मदीना की यात्रा के मीठे स्वपन दिखाने वाली सरकार आज उन्हें इस पाक यात्रा से वंचित रहने पर मजबूर कर रही है। हालांकि सिनेमा के लिए सरकार के समक्ष अरबों रूपये मौजूद है। उन्होंने सुझाया की सरकार को सिनेमा में पैसा बरबाद करने की जगह हज सब्सिडी मुहैया करनी चाहिए।

    सूत्रों के मुताबिक सदन में हज सब्सिडी प्रस्ताव खारिज हो जाने के बाद राजा रब्बानी सदन से उठकर चले गए तब और विपक्षी नेताओं ने इस पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या मंत्री नाराज़ होकर चले गए हैं। सरकार ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि सरकार अपने वादे पर अभी कायम है। उन्होंने कहा कि हज का 70 प्रतिशत खर्च सऊदी रब में होता है और जो सरकार नियंत्रण से बाहर है। साथ ही वहां रहने और खाने के खर्च में वृद्धि हुआ है फिर भी सरकार लोगों को राहत देने की कोशिश में जुटी है। धार्मिक मामलों से जुड़े मंत्री ने कहा कि देश को मदीना में परिवर्तित करने का अर्थ यह नही की मुफ्त में हज यात्रा करवाई जाएगी। सांसद सिराज उल हक ने कहा कि मदीना मॉडल पर देश को तब्दील करने वाली सरकार अपने वादे से मुकर रही है। जब भारत, बांग्लादेश और अफगानिस्तान की सरकार ऐसा नही करती तो पाकिस्तान क्यों अपने यात्रियों पर बोझ डाल रहा है।

    पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ के नेता शाहबाज़ शरीफ ने कहा कि इमरान खान दरकार ने देश वासियों को महंगे हज का उपहार दिया है। मानो सरकार इसे एक धार्मिक कृत्य के तौर पर नही बल्कि कमाई के साधन के तौर पर आंकती है। यह पहली सरकार है जिसने हज सब्सिडी न देने का निर्णय लिया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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