चीन ने रिमोट क्षेत्रों से संबंधित उपग्रहों को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। इन उपग्रहों ने प्रीसेट कक्षा में प्रवेश किया है। रिपोर्ट में उपग्रहों की लॉन्चिंग मशीन की सफलता की घोषणा की गई है। ये उपग्रह विद्युत चुम्बकीय जांच मे सहायक होंगे।
चीनी मीडिया ने शनिवार को सफलतापूर्वक विद्युत चुम्बकीय जांच और अन्य प्रयोग करने के लिए डिज़ाइन किए गए रिमोट सेंसिंग उपग्रहों को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।
इन रिमोट सेंसिंग उपग्रहों का उपयोग दूर-दराज के क्षेत्रों से संबंधित जानकारी हासिल करने और इन क्षेत्रों में व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। इन उपग्रहों के जरिए चीन अपनी निगरानी क्षमताओं को बढाने को कोशिश कर रहा है।
हाल ही में कुछ दिन पहले ही चीन ने तीन रिमोट सेंसिंग उपग्रहों को लॉन्च किया था। हाल ही में चीन ने कितने उपग्रहों को लॉन्च किया है, इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं दी है।
ये उपग्रह दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत में सुबह 2:10 बजे (स्थानीय समय) में शिचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लांग मार्च -2 सी रॉकेट पर लॉन्च की गई है।
रिमोट सेंसिंग उपग्रह क्या है?
रिमोट सेंसिंग उपग्रह के जरिए ऐसे स्थानों से खतरनाक डाटों को भी एकत्रित किया जा सकता है, जहां पर आम तौर पर किसी की पहुंच काफी मुश्किल होती है।
इसके अलावा बर्फीय स्थानों, समुद्र व शीतयुद्ध के समय पर खतरनाक बॉर्डर क्षेत्रों से कई अहम जानकारियों को हासिल किया जा सकता है। इसे अंतरिक्ष में स्थापित किया जाता है, क्योंकि जमीनी स्तर पर विभिन्न जानकारियों को हासिल करने के लिए ये काफी महंगा साबित होता है।
वायरलेस तकनीक के निर्माण से जुड़ी जानकारियां, रडार तकनीकों और सैटेलाइट फोन से संबंधित जानकारी को रिमोट सेंसिंग से हासिल किया जा सकता है।