पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने सदाबहार दोस्त चीन के साथ मसूद अज़हर के मसले पर चर्चा की थी। यूएन में चीन ने चौथी दफा मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल होने से रोकने वीटो का इस्तेमाल किया था।
पाक विदेश मंत्री बीजिंग से गुरूवार को वापस लौटे थे। वह चीन पहली द्विपक्षीय रणनीतिक वार्ता में शामिल होने के लिए गए थे। चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के बाद कहा कि “सभी मसलों पर हमने एक दूसरे को भरोसे में लिया है। कभी उन्होंने मेरा पथ प्रदर्शित किया तो कभी हमें सुनने के बाद उन्होंने अपनी नीति में परिवर्तन किया था।”
उन्होंने कहा कि “जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर के मामले पर भी चीन के साथ चर्चा हुई थी। जैसा कि आप जानते हैं, चीन ने भारी दबाव होने के बावजूद अधिक जानकारी एकत्रित करने के लिए इस प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी थी। हमने बात की कि अमेरिका, चीन और ब्रिटेन इस मसले पर क्या विचार रखते हैं।”
शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि “दोनों पक्षों ने 1267 अलकायदा प्रतिबन्ध समिति के बाबत बातचीत की लेकिन इसके बारे में अधिक जानकारी देने से इंकार कर दिया था। पाकिस्तान इस बात से वाकिफ है कि इस मसले पर विश्व क्या चाहता हैं।”
उन्होंने कहा कि “हम जानते हैं कि दुनिया क्या चाहती है, हमें क्या करना चाहिए, हमारे हित में क्या है और हमारी योजना क्या होनी चाहिए। अज़हर के मसले को बड़े सन्दर्भ के तौर पर देखना चाहिए। इसे धनशोधन के सन्दर्भ में देखा जाना चाहिए। चीन के साथ इस मसले पर वार्ता जारी रहेगी।”
उन्होंने कहा कि “पुलवामा आतंकी हमले पर भारत द्वारा दिए डोजियर का आंकलन किया जा रहा है। हम इस पर गंभीर है और डोजियर की समीक्षा कर रहे हैं। इसके तथ्यों को हम मीडिया और विश्व के साथ साझा करेंगे।”
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया था कि “आतंकी सरगना की सेहत बहुत ख़राब है और मौजूदा वक्त में उनका पाकिस्तान में इलाज जारी है।”