चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत विश्व को रेलवे, बंदरगाह और अन्य बुनियादी ढांचों से जोड़ा जा रहा है, लेकिन इस परियोजना में शामिल कई राष्ट्र अब पीछे हटते दिख रहे हैं। मलेशिया ने चीन की परियोजना के तहत निर्मंधीन रेलवे प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया है।
मलेशिया की सरकार ने चीन द्वारा निर्माणधीन हाई स्पीड रेल लिंक के प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया है। मलेशिया के इस निर्णय से चीनी परियोजना पर कई नए सवाल खड़े हो गए हैं। मलेशिया की कैबिनेट ने निर्णय लिया कि 20 अरब डॉलर की यह परियोजना सरकार के बजट से बाहर है। आर्थिक मामलों के मंत्री अज्मिन अली ने शनिवार को कहा कि दोबारा समीक्षा के बाद इस फैसले का ऐलान अधिकारिक स्तर पर किया जायेगा।
विश्व में चीन की एक ट्रिलियन डॉलर की परियोजना पर बहस जारी है, इस परियोजना से चीन वैश्विक स्तर पर अपना प्रभुत्व कायम करना चाहता है। बीते महीनों में एशिया के देशों ने भ्रष्टाचार, कर्ज और प्रभुत्व ने होने के कारण कई प्रोजेक्टों या रद्द कर दिया है या कार्य रोका हुआ है।
मकाऊ यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के में अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रोफेसर पंग ज्होंग्यिंग ने कहा कि “हम अधिक प्रतिक्रिया और चुनौतियों को देख रहे हैं। चीन को अपने अनुभवों से निष्कर्ष निकालना चाहिए और इन सभी घटनाओं से सबक सीखना चाहिए, क्योंकि बाहरी परिदृश्य तीव्रता से बदल रहा है और आंतरिक आर्थिक चुनौतियाँ उभर रही है।”
चीनी राष्ट्रपति को वापस परियोजना को पटरी पर लेन के लिए अप्रैल में एक मौका मिलेगा, जब वह दूसरे बीआरआई सम्मेलन के लिए अन्य नेताओं को रजामंद कर सकते हैं। सितम्बर में चीनी राष्ट्रपति ने अफ्रीकी राष्ट्रों से ‘महत्वकांक्षी परियोजनाओं’ को न लागू करने का वादा किया था। अमेरिकी बभी चीनी परियोजना की मुखालफत करता है, नवम्बर में आयोजित आसियान सम्मेलन में अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेन्स ने कहा था कि “हम चीन को बेल्ट और वन वे रोड के निर्माण की इजाजत नहीं देंगे।”
मलेशिया के पूर्व प्रधानमन्त्री ने नजीब रज्जाक ने सार्वजानिक स्तर अपर चीन को अपना करीबी मित्र बताया था। उन्होंने चीन के साथ कई कई बड़ी परियोजनाओं पर हस्ताक्षर किये थे। साथ ही महत्वपूर्ण सरकारी परियोजनाओं में भी चीनी निवेश के लिए रजामंदी दी थी। इस माह की शुरुआत में वल स्ट्रीट जर्नल द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार चीन ने इंफ्रास्ट्रक्चर डील के बदले 10 लाख डॉलर देने का ऑफर दिया था। मलेशिया के राष्ट्रपति ने बताया कि “हम इस परियोजना को फंड की कमी के कारण रद्द कर रहे हैं।”
मलेशिया के आर्थिक मामलों के मंत्री अजीमन अली ने कहा कि “यह रेल प्रोजेक्ट हमारे मुकाबले काफी उच्च दर का है। यदि इस प्रोजेक्ट को खत्म नहीं किया जाता तो देश को प्रति वर्ष 120 मिलियन की रकम अदा करनी होती। देश के हालात इतनी बड़ी रकम का कर्ज चुकाने के लायक नहीं है।”
मलेशिया के आलावा चीन, पाकिस्तान, मालदीव श्रीलंका और कई अन्य देशों ने चीन की परियोजना को काफी महंगा बताया है। चीन के सदाबहार दोस्त पाकिस्तान ने भी हाल ही में सीपीईसी के तहत एक रेलवे प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया था। हालांकि पाकिस्तान चीनी कर्ज में फंसे होने से इनकार करता रहा है।