देश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को कहा है कि “चीन ने भारत से आयात होने वाली वस्तुओं की मात्रा को बढ़ाने के लिए हामी भर दी है।” इसी के साथ ही सुरेश प्रभु ने कहा है कि “एक ओर जहाँ वैश्विक बाज़ार को संकट दिख रहा है, भारत को उसी संकट से मौके मिल रहे हैं।”
देश में लगातार उफान मार रहे राजकोषीय घाटे से निपटने के लिए अब भारत ने अपनी नीति को बदलने का इरादा किया है। मालूम हो कि चीन के साथ भारत का व्यापार बेहद असंतुलित है।
चीन भारत में तमाम तरह के इलेक्ट्रिक उत्पादों का निर्यात करता है, जबकि भारत चीन को उसकी तुलना में बहुत कम समान ही निर्यात करता है। ऐसे में भारत को चीन के साथ लंबे समय से व्यापार घाटे का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में यदि भारत चीन को अधिक से अधिक वस्तुओं का निर्यात कर देता है, तो भारत को चीन के साथ अपने व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिलेगी।
इसके लिए सरकार चीन को बड़ी मात्रा में चावल और रेपसीड का निर्यात करेगी।