Sat. Nov 23rd, 2024
    डोकलाम विवाद

    डोकलाम में जारी गतिरोध के बीच चीन ने फिर से भारत को युद्ध की धमकी दी है। चीन के एक प्रमुख समाचार पत्र चाइना डेली ने अपने सम्पादकीय पृष्ठ पर लिखा है कि भारत अपने अड़ियल रवैये पर कायम रहकर चीन को युद्ध के लिए न्यौता दे रहा है। अगर भारत डोकलाम से अपनी सेना ‘तत्काल’ पीछे नहीं हटाता है तो वह समझ ले कि भारत-चीन युद्ध का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। इससे पहले भी कल चीनी सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की तरफ से जारी वीडियो सन्देश में उसके सम्पादक ने कहा था कि अगर भारत अपने सैनिक पीछे नहीं हटाता है तो निश्चित ही युद्ध होगा। भारत सरकार खुद को युद्ध की परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार करने की बजाय अपने लोगों को झूठी दिलासा देने में लगी है। भारतीय सेना चीन की पीएलए के सामने कमजोर है और भारत को युद्ध छेड़ने से पहले अंजाम सोच लेना चाहिए।

    भारत-चीन सीमा विवाद

     

    भारत इस मुद्दे पर कह चुका है कि युद्ध कोई हल नहीं है और शांतिपूर्वक बैठकर बातचीत कर इस मसले को सुलझाया जा सकता है। वहीं चीन बार-बार इस मसले पर धमकी भरा रवैया अपनाता रहा है और हर बार वह युद्ध की धमकी देता रहा है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि चीन को इस मुद्दे पर बातचीत हल निकालना चाहिए। चीन से सीमा विवाद वर्षों पुराना है और युद्ध इसका हल नहीं है। वहीं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अप्रत्यक्ष रूप से दो बार भारत को चेता चुके हैं। उन्होंने कहा था कि पीएलए पिछले 50 वर्षों में सबसे मजबूत है और यह देश की सम्प्रभुत्ता बनाये रखने और सुरक्षा में सक्षम है। चीनी सरकारी अखबार और रक्षा मंत्रालय की तरफ से लगातार धमकी भरे बयान और लेख आ रहे हैं और वह भारत को युद्ध के लिए तैयार रहने की बात कह रहे हैं। चीन ने भारत को उत्तराखंड के कालापानी और कश्मीर में घुसने की भी धमकी दी है। इससे पहले भी कल चीन की ओर से कहा गया था कि भारत 1962 वाली गलती दोहरा रहा है और वह चीन की चेतावनी को नजरअंदाज कर रहा है। भारत के सबसे निकटतम पड़ोसी नेपाल ने इस मुद्दे पर किसिस का भी साथ देने से मना कर दिया है। नेपाल के उप प्रधानमंत्री कृष्ण बहादुर महारा ने कहा कि दोनों देशों को शांतिपूर्ण राजनयिक बातचीत से इस मसले को सुलझा लेना चाहिए। 26 जून से ही भारत और चीन के सैनिक भूटान के डोकलाम में आमने-सामने है और अब तक इस मसले का कोई हल नहीं निकल सका है।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।