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    चीनी की विशाल दीवार

    चीन की मीलो लम्बी वॉल का अस्तित्व 2000 वर्षों से भी पुराना है। नेशनल जिओग्राफिक के मुताबिक इस दीवार का 30 फीसदी हिस्सा ढह रहा है। इस प्राचीन दीवार की स्थिति बेहद जर्जर है जिसके कारण लोगों ने इस दीवार पर घूमना बंद कर दिया है। चीनी विभाग इस दीवार के संरक्षण के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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    चीनी विभाग को यह ड्रोन दीवार के जर्जर हिस्सों और नक़्शे को दर्शाने में मददगार साबित होंगे। ड्रोन के जुटाए आंकड़ों से इस दीवार की मरम्मत के काफी कार्य संपन्न किये जा चुके हैं। ख़बरों के मुताबिक ड्रोन से एकत्रित आंकड़े इस दीवार के जर्जर इलाकों के सपोर्ट ढाँचे के निर्माण करने के लिए मजदूरों के लिए सहायक सिद्ध होगी।

    मई में चीनी ख़बरों के मुताबिक इस दीवार के जिअन्कौ इलाके के एचडी 3 डायमेंशनल तस्वीरों के लिए इंटेल के फाल्कन 8+ ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। इस ग्रेट वॉल के निर्माणकर्ता ज्हाओ पेंग ने कहा कि नए पत्थर और बिल्डिंग निर्माण में उपयोग सामान से, इस दीवार के निर्माण का प्रयास अधिक मुश्किल होता जा रहा है।

    उन्होंने कहा कि इस दीवार के कई सेक्शन काफी खतरनाक है और ड्रोन का इस्तेमाल करके हम इसकी लम्बाई और जर्जरता का अनुमान लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह बेहद पेचीदा ईमारत है और इसके लिए हमें एरो होल्स, फ्लोर डिजाईन और अन्य पहलुओं का बारीकी से अध्य्यन करना होगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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