Fri. Nov 15th, 2024
    ताइवान की राष्ट्रपति

    चीन और ताईवा के मध्य साल 1949 से तनातनी का दौर चल रहा है। चीन ताइवान पर अपने अधिकार का दावा करता है, जबकि ताइवान खुद को स्वतंत्र देश कहता है।

    सूत्रों के मुताबिक जापान के ताइवान को मुक्त करने के बाद चीन ने ताइवान पर अपना आधिपत्य स्थापित किया था। चीन केवल ताइवान ही नहीं बल्कि सभी मंगोल देशों और अरुणाचल प्रदेश को भी अपना हिस्सा मानता है।

    अमेरिका से ख़रीदे दो जंगी जहाजों का उद्धघाटन करते हुए ताइवान की राष्ट्रपति त्सी इंग वेन ने कहा कि ताइवान किसी का प्रहार स्वीकार नहीं करेगा, अपना बचाव करेगा। ताइवान ने चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के प्रतिकार के लिए अमेरिका से दो जंगी जहाज खरीदे हैं।

    ताइवान को चीन अपने देश का हिस्सा मानता है और एकीकरण के लिए इंतजार कर रहा है, फिर चाहे जबरन ही क्यों न हो। साल 1949 में हुए गृह युद्ध के बाद ताइवान अपने भूभाग में स्वतंत्र राज कर रहा है। हाल ही में अमेरिका और ताइवान के मध्य हुए समझौते से चीन की चिंताए बढ़ी हुई हैं। अमेरिकी विभाग ने ताइवान को समुन्द्री तकनीक बेचने के लाइसेंस की अनुमति दे दी है।

    ताइवान की राष्ट्रपति ने कहा कि ताईवानी जनता की ओर से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को साफ़ सन्देश देना चाहती हूँ कि ताइवान अपने मुक्त और लोकतंत्र जीवन की रक्षा करता रहेगा। उन्होंने कहा कि चीनी सेना की गतिविधियाँ केवल हमें कमजोर करने की नहीं बल्कि इस क्षेत्र की शान्ति और स्थिरता को नुकसान पहुंचाने की है।

    अमेरिकी इंस्टिट्यूट ऑफ़ ताइवान ने कहा कि इस जंगी जहाजों से ताइवान की क्षमता में वृद्धि होगी जो क्षेत्रीय स्थिरता को बनाये रखेगी। दो साल पूर्व ताइवान के राष्ट्रपति के सात पर आसीन होने के बाद ही चीन लगातार ताइवान पर सैन्य और कूटनीतिक दबाव बनता रहा है ताकि वह चीन के आधिपत्य को स्वीकार कर ले।

    सितम्बर में अमेरिका ने ताइवान को 330 मिलियन डॉलर के जंगी विमान के उपकरण बेचने के ऐलान से चीन को सकते में डाल दिया था। अमेरिका ताइवान  का सबसे ताकतवर अनाधिकारिक साझेदार रहा है और साथ ही चीन को हथियार निर्यात कर, उसका कूटनीतिक साझेदार भी है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *