शुक्रवार को पूर्व आर्मी कमांडर ने भारत को आगाह किया कि बॉर्डर पर चीनी फौजीयों के चालचलन से लगता है कि डोकलाम जैसी परिस्थितियां दोबारा उत्पन्न हो सकती है।
उन्होंने कहा हिन्दुस्तानी आर्मी को सचेत रहना चाहिए। रिटायर्ड जनरल प्रवीन बक्शी ने कहा की वह सरकार के शुक्रगुजार है कि उन्हें बगैर किसी दबाव ड्रैगन से निपटने का मौका दिया गया। उन्होंने कहा दोनों देश डोकलाम पर अपना अधिकार पुख्ता करने के लिए गश्त कर रहे हैं।
ड्रैगन डोकलाम पर सेंध लगाये बैठे हैं वह किसी भी समय घटना को अंजाम दे सकते हैं। उन्होंने कहा लद्दाख, सिक्किम और अरुणाचल में बुनियादी दांचे की कमी होना भारत के लिए चिंता का सबब बन सकता है।
भारतीय आर्मी को इस मुसीबत के लिए तैयार रहना चाहिए। डोकलाम में चीन द्वारा सड़क बनाये जाने के विरोध में भारत और चीन के सैन्य दस्ते के बीच 73 दिनों तक संघर्ष छिड़ा था। भूटान और चीन के रिश्ते में भी मतभेद है जिसे अब वह सुधारने की जुगत में हैं।
उन्होंने कहा चीन हमारे साथ हुए शांति समझोतें को नजरंदाज़ कर रहा है। हुड्डा ने कहा कि चीन की घुसपैठ करने की पूर्वनियोजित चाल थी।
जनरल बक्षी ने कहा कि आर्मी के ठोस कदम के बावजूद 28 अगस्त तक डोकलाम के हालात जस के तस बने हुए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि डोकलाम विवाद के शुरुआती दौर में भारतीय मीडिया की गैर मौजूदगी भारतीय आर्मी के पक्ष में गई।
बक्षी ने कहा की डोकलाम की घटना से हमें सबक लेकर भारत के बॉर्डर की चाक-चौबंध को और दुरुस्त करना चाहिए।
भूटान में भारतीय राजदूत वी.पी.हरन ने कहा कि भूटानी छात्रों को बेहतर भारतीय शिक्षण संस्थानों में दाखिला मिलना चाहिए ताकि भारत और भूटान के सम्बन्ध मधुर रहें।