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    भारत-चीन सीमा विवाद

    चीन अपनी ना’पाक’ हरकतों से बाज़ नहीं आ रहा है। डोकलाम में जारी सीमा विवाद पर चीन को लेकर चीन ने आज 15 पन्नों का बयान जारी किया है। इस बयान में चीन ने भारत पर ‘घुसपैठ’ का आरोप लगाया है। बयान में चीन ने कहा है कि करीब 400 भारतीय जवान चीनी सीमा में 180 मीटर अंदर तक घुस आये थे। जुलाई महीने के अंत तक 40 जवान और बुलडोज़र अवैध रूप से चीनी सीमा में मौजूद थे। यह बहुत ही गंभीर मामला है। चीन ने भारतीय सेना के इस कदम को ना सिर्फ अपनी सम्प्रभुता के लिए चुनौती बताया बल्कि उसने यह भी कहा कि भारतीय सेना का यह कदम भूटान की स्वतंत्रता और सम्प्रभुता पर भी सवाल खड़े करता है। चीन ने स्पष्ट किया कि चीन-भूटान सीमा विवाद चीन और भूटान के बीच का है और भारत का इस विवाद से कोई लेना-देना नहीं है। भारत तीसरी पार्टी की तरह इस विवाद में एंट्री कर रहा है और चीन की सम्प्रभुता को चुनौती देने वाला ऐसा कोई भी कदम हमें बर्दाश्त नहीं।

    भारत-चीन सीमा विवाद

     

    गौरतलब है कि सिक्किम सेक्टर में डोकलाम पर भारत और चीन की सेनाएं 1 महीने से अधिक समय से आमने-सामने हैं। विवाद तब शुरू हुआ था जब चीन की पीएलए ने यहाँ पर सड़क निर्माण शुरू करने की कोशिश की थी। भारतीय सेना के जवानों ने आपत्ति जताकर सड़क निर्माण रुकवा दिया था और बुलडोज़र से निर्माण कार्य को ढहा दिया था। तभी से दोनों देशों के मध्य इस क्षेत्र को लेकर विवाद है। चीन डोकलाम को अपना हिस्सा बताता है वहीं भूटान इसे अपना हिस्सा बताता है। भारत इसे भूटान का अधिकार क्षेत्र और भारत-भूटान-चीन के ट्राई-जंक्शन सीमा क्षेत्र का हिस्सा मानता है। पीएलए की 90वीं वर्षगांठ पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा था कि चीनी सेना किसी भी हमले को विफल करने में सक्षम है। देश की सम्प्रभुता और सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ हमें बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी व्यक्ति, दल या संगठन को चीन के किसी भी हिस्से को चीन से अलग करने की इजाजत नहीं देंगे। चीन ने जारी बयान में भारत को ‘तत्काल’ और ‘बिना शर्त’ डोकलाम से सेना वापस बुलाने को कहा है।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।