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    चीनी रक्षा मंत्री

    चीन के रक्षा मंत्री वे फेंग्हे ने सिंगापुर में आयोजित शांगरी ला की बैठक में कहा कि “जो भी मुल्क चीन के साथ ताइवान के एकीकरण में दखलंदाज़ी करने की कोशिश करेगा हमारा मुल्क उनके साथ संघर्ष के लिए तैयार है।” अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध और हाल ही में अमेरिकी जहाजों का ताइवान व दक्षिणी चीनी सागर के जलमार्ग पर नौचालन से दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है।

    चीन और ताइवान को अलग करने की कोशिश न करे

    उन्होंने अन्य प्रतिभागियों से कहा कि “चीन से ताइवान अलहदा करने की कोई भी कोशिश सफल नहीं होगी। ताइवान में कोई भी दखलंदाज़ी का परिणाम असफलता का मुंह देखना होगा। अगर कोई चीन से ताइवान को अलहदा करने की कोशिश करेगा तो चीनी सेना के समक्ष लड़ाई के आलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।”

    एशिया के सबसे बड़े रक्षा सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए चीनी रक्षा मंत्री ने कहा कि “उनका देश दूसरो को हमें तोड़ने  अनुमति नहीं देगा।” उन्होंने चेतावनी दी कि उनका देश अपने भूभाग का एक भी इंच नहीं छोड़ेगा और किसी भी विदेशी ताकत के ऐसे कदम को हार का सामना करना होगा।”

    वेई ने अमेरिका के ताइवान रिलेशन एक्ट, 1979 की भी निंदा की थी। जो वांशिगटन को तायपेई को हथियार मुहैया करने की अनुमति देता है और उनके द्वीप को विदेशी आक्रमण से संरक्षण की रक्षा के लिए मदद मुहैया करता है। ताइवान को चीन एक विद्रोही देश मानता है जो 1949 के हिंसक नागरिक युद्ध के अंत में अलग हो गया था। वेई ने कहा कि “चीन के आंतरिक मामले में अमेरिका दखलंदाज़ी नहीं कर सकता है, इसका कोई तुक नहीं बनता है।”

    गहराता तनाव

    अधिकतर देशों की तरह अमेरिका के भी ताइवान के साथ कोई आधिकारिक सम्बन्ध नहीं है लेकिन वह तायपेई का सबसे प्रमुख हथियार निर्यातक देश है। व्यापार युद्ध के बाद चीन और अमेरिका के सम्बन्ध काफी तनावग्रस्त हो गए थे। दोनों देशों के बीच  दक्षिणी चीनी सागर भी एक उभरता हुआ विवाद का मसला बन गया है। दोनों देशों के युद्धपोतों का कई बार आमना सामना हो चुका है।

    आईआईएसएस शांगरी ला वार्ता एशिया का सबसे प्रमुख रक्षा सम्मेलन है। यह क्षेत्र के अधिकतर मंत्रियों की एक अलग बैठक होती है जिसमे क्षेत्र के सबसे प्रमुख सुरक्षा चुनौतियों, महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता में जुड़ाव और नए समाधानों पर चर्चा की जाती है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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