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    चीन और अमेरिका

    अमेरिका के कार्यकारी रक्षा सचिव पैट्रिक षानहन और चीन के रक्षा मंत्री वे फेंघे ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों को बेहतर तरीके से लागू करने पर चर्चा की थी। यह फलदायी और रचनात्मक वार्ता शुक्रवार को शांगरी ला सम्मेलन के इतर हुई थी।

    पेंटागन के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जोए बुक्सीनो ने कहा कि दोनो देशो के बीच सैन्य संबंध बढ़ाने के तरीको के बाबत चर्चा हुई थी जिससे राष्ट्रों के बीच गलतफहमी और गलत आंकड़ो की कोई गुंजाइश न रहे।

    उन्होंने कहा कि सचिव पैट्रिक ने विशेष तौर पर उत्तर कोरिया पर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को लागू करने के लिए हमारी सेनाओं को बेहतर तरीके से सहयोग करने के बाबत चर्चा की थी।

    अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता ठप पड़ी हुई है। वियतनाम में दूसरे शिखर सम्मेलन के विफल हो जाने के बाद दोनों देशों के बीच काफी विवाद उत्पन्न हो गए हैं। दोनो राष्ट्र प्रतिबंधों से रियायत के बाबत मतभेदों को नही सुलझा सके थे।

    अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पेओ ने कहा कि “उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों को लागू करने के मामले में चीन ने अच्छा कार्य लिया है लेकिन वहां बेहतर करने के लौए अभी भी जगह बरकरार है।”

    उन्होंने कहा कि “यह निष्कलंक नही है। हम लागू करने के संबंध में बेहतर रहे हैं। हमारे बीच व्यापार की चुनौतीपूर्ण वार्ता जारी है इसके बावजूद वह इस मसले पर अच्छे तरीके से हमारा सहयोग कर रहे हैं।”

    अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच दो विफल मुलाकातों के बाद किम जोंग उन के नेतृत्व में कई रॉकेटस और मिसाइल को दागा गया था। इसमें कई निर्देशित मिसाइले भी थी जो क्षेत्र में अमेरिका और दक्षिण कोरिया की रक्षा चक्र के भीतर प्रवेश कर सकती है।

    उत्तर कोरिया ने सोमवार को जारी बयान में जॉन बोल्टन को अत्याधिक घमंडी करार दिया था और कहा कि “मिसाइल परिक्षण को त्यागना अपने आत्मरक्षा के अधिकारों को त्यागने के बराबर होगा।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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