अमेरिक को यकीं है कि अगले दलाई लामा का चयन तिब्बत धार्मिक परम्पराओं के मुताबिक होना चाहिए और इसमें राज्य की कोई भूमिका नहीं है। अमेरिकी प्रशसन ने सांसदों से कहा कि चीन तिब्बत पर अपना चयनित अगला दलाई लामा थोपना चाहता है, जिसका अमेरिका विरोध करेगा।
ईस्ट एशियाई और पैसिफिक मुद्दों की राज्य सचिव लौरा स्टोन ने कहा कि धार्मिक निर्णय धार्मिक संस्थाओं द्वारा ही लिए जाने चाहिए और इसमें प्रशासन की कोई भूमिका नहीं होगी, इस पर अमेरिकी नीति बिलकुल स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि चीन मुताबिक अगला दलाई लामा उनका
चयनित होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका की अधिकारिक यात्रा साल 2002 के मुताबिक तिब्बत नीति बनाई गयी थी। सांसद गार्डनर ने पूछा कि यदि चीन अपने दलाई लामा को थोपने की कोशिश करता हैं, तो अमेरिका की क्या प्रतिक्रिया होगी? उन्होंने कहा कि कांग्रेस चीनी जिद्द को कतई कबूल नहीं करेगी। लौरा स्टोन ने कहा कि अमेरिका के आला अधिकारी इस मसले बार कड़ी नज़र बनाये हुए हैं।
चीन तिब्बत का शोषण करता है
गार्डनर ने कहा कि तिब्बत स्वायत्त इलाके में कार्रवाई तीव्र हो रही है जबकि चीनी प्रशासन मध्य तिब्बती प्रशासन के साथ बातचीत को इनकार कर रहा था। उन्होंने कहा कि मानव अधिकार कार्यकर्ताओं को को जेल भेजा जा रहा था, उनका शोषण किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि चीन में न्यायिक तंत्र पार्टी और विभाग के हाथ की कटपुतली है और कानूनी मसलो पर पक्षपाती है।
अमेरिका तिब्बत की धार्मिक आस्था के लिए चिंतित है
लौरा स्टोन ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण मसला है और हम इस साझे लक्ष्य पर कांग्रेस के साथ मिलकर कार्य करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम तिब्बती लोगों के अनोखी संस्कृति, भाषा और धार्मिक गतिविधियों के संरक्षण के लिए चिन्तित है। लौरा स्टोन ने कहा कि हम इस लक्ष्य को कांग्रेस में साझा कर रहे हैं और इसको हासिल करने के लिए कार्य कर रहे हैं।
सांसद ने कहा कि अमेरिका को अपनी तिब्बत नीति पर विचार करने की जरुरत है और तिब्बत तक पंहुच के लिए प्रचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि तिब्बत का अमेरिकी कानून चीनी अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबन्ध की मांग करता है।