Sat. Nov 23rd, 2024
    त्साई इंग वेन

    ताइवान की सरकार ने मंगलवार को बीजिंग के राष्ट्रीय दिवस समारोह के जश्न में चीनी तानाशाही की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि “यह राष्ट्र पूरी तरह शान्ति और स्थिरता के लिए खतरा है और अपने सैन्य विस्तार के लिए बेतुके बहाने बनाता रहा है।”

    चीन की स्थापना के आज 70 वर्ष पूरे हो जायेंगे जिसके लिए बीजिंग में एक भव्य सैन्य परेड निकाली जाएगी और इसमें राष्ट्र के बीते सात दशको के साम्यवादी शासन को याद किया जायेगा। राष्ट्रपति शी ने कहा कि “चीन ने हमेशा ताइवान की सरकार के साथ शान्तिपूर्व विकास का प्रचार करना चाहेंगा और अपनी सरजमीं के एकीकरण के लिए प्रयास करना जारी रखेंगे।”

    जिनपिंग के बयान और सैन्य परेड पर जवाब देते हुए ताइवान के मेनलैंड मामले की परिषद् ने कहा कि “हम कभी भी चीन के एक देश, दो प्रणाली को स्वीकार नहीं करेंगे। चीनी साम्यवादी पार्टी ने बीते 70 सालो से एक पार्टी के साथ निरंकुश शासन चलाया है। यह शासन का ऐसा तरीका है जो लोकतंत्र के मूल्य, आजादी और अधिकारों का उल्लंघन करता है और मुख्यभूमि चीन के विकास के लिए चुनौतियों को जोखिमो को उत्पन्न करता है।”

    उन्होंने कहा कि “बीते 30 वर्षो से ताइवान लोकतान्त्रिक तरीके से कार्य कर रहा है और चीन को इसका इस्तेमाल लोकतंत्र का प्रचार करने के लिए करना चाहिए। एकता, एकीकरण के लिए संघर्ष के बारे में चिल्लाना ही सैन्य विस्तार का एकमात्र बहाना है। यह क्षेत्रीय शान्ति, वैश्विक लोकतंत्र और सभ्यता के लिए गंभीर खतरा है।”

    ताइवान की राष्ट्रपति त्सी इंग वेन पर चीन “वन नेशन, टू सिस्टम्स” को स्वीकार करने के लिए दबाव बना रहा है। मंगलवार को त्साई ने कहा कि “हम एक लोकतंत्र और आज़ाद मुल्क है और लोकतंत्र व आज़ादी को कायम रखने वाले विश्व में किसी भी देश को अपना सहयोग देंगे। जिनपिंग के सन्दर्भ ने कहा कि शासक को जनता की आज़ादी और लोकतंत्र की मांग को सावधानीपूर्वक सुनना चाहिए और इसका सम्मान करना चाहिए और जनता की इच्छा की इज्जत करनी चाहिए।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *