चीन ने चाँद पर मानवीय मिशन भेजने की योजना पर विचार कर रहा है और वह आगामी तीन दशकों में वहां अनुसंधान स्टेशन का निर्माण करेगा। चीन का मकसद अंतरिक्ष की महाशक्ति का दर्जा हासिल करना है और इसकी तरफ उसने एक प्रमुख कदम उठा लिया है। चीन ने जनवरी में चाँद की दूरी पर एक रोवर को लैंड किया था।
चीनी नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के प्रमुख ज़हाँग केजीएन ने स्पेस डे के भाषण के दौरान सिन्हुआ एजेंसी को बताया कि “चीन अब अगले 10 सालो में चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर साइंटिफिक रिसर्च स्टेशन का निर्माण करने की योजना बना रहा है।बीजिंग साल 2020 तक मार्स प्रोब को लांच करने की योजना बना रहा है और चौथा लूनर प्रोब इस साल के अंत तक लांच कर दिया जायेगा।”
चन्द्रमा के सैंपल्स कलेक्ट करने के लिए साल 2017 के मध्य की तारीख तय थी लेकिन लॉन्ग मार्च 5 वाई-2 रॉकेट 17 जुलाई को एक अलग लांच में विफल हो गया था। चीन ने बुधवार को ऐलान किया कि “उनका लॉन्ग मार्च 5 बी रॉकेट साल 2020 की शुरुआत में पहली यात्रा करेगा। इसमें स्पेस स्टेशन के लिए कच्चा माल लोड किया जायेगा।”
चीन के स्पेस इंजीनियरिंग विभाग ने बताया कि द तिआनगोंग या हीवेनली पैलेस साल 2022 में ऑर्बिट में जायेगा। यह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को परिवर्तित करने के लिए तैयार है जो अमेरिका, रूस, कनाडा, यूरोप और जापान के सहयोग से मिलकर बना है और यह साल 2024 में रिटायर्ड हो जायेगा।
रूस और जापान के मुकाबले चीन अपने सैन्य और सिविल अंतरिक्ष कार्यक्रम पर अधिक खर्च करता है। अमेरिका के बाद इस सूची में दुसरे नंबर पर चीन आता है। इस कार्यक्रम के लिए चीन ने साल 2017 में तक़रीबन 8.4 अरब डॉलर का बजट पारित किया था।