Thu. Apr 25th, 2024
    भारतीय विदेश मंत्री

    लीबिया की राजधानी त्रिपोली में हालात बिगड़ते जा रहे हैं और संघर्ष अभी भी जारी है। बुधवार को विदेश म्नत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि “भारत ने राजधानी त्रिपोली में 17 समन्वयको की तैनाती की है ताकि भारतीयों को बाहर निकालने में मदद की जा सके।”

    सुषमा स्वराज ने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर लिखा कि “लीबिया छोड़ने में भारतीय नागरिको की मदद के लिए 17 समन्वयको की तैनाती की गयी है। भारतीय दूतावास उन्हें एग्जिट वीजा देने में मदद कर रहा है और वीजा की समयसीमा खत्म होने पर भी वीजा दिया जा रहा है। मौजूदा समय में एयरपोर्ट का संचालन जारी है। कृप्या इस अवसर के लिए मौजूद रहें।”

    सभी भारतीयों को लीबिया छोड़ने में हर संभव मदद की जा रही है। 4 अप्रैल को खलीफा हफ्तार के आदेश पर उनकी सेना ने त्रिपोली पर नियंत्रण के लिए आक्रमण किया था। राजधानी पर अभी यूएन समर्थित गवर्मेंट ऑफ़ नेशनल अकॉर्ड का नियंत्रण है।

    इससे पूर्व सुषमा स्वराज ने करीब  500 भारतीयों से त्रिपोली छोड़ने का आग्रह किया था। भारत ने 6 अप्रैल से त्रिपोली से 15 आईआरपीएफ शान्ति स्थापित करने वाले सैनिको की तैनाती की है। भारत की इस कार्रवाई के बाद अमेरिका और नेपाल ने भी यही कदम उठाये हैं।

    क्षेत्र में संघर्ष से 200 से अधिक लोगो की मौत हो गयी है और 913 लोग बुरी तरह जख्मी है। देश में बर्बरता के कारण करीब 30000 लोग विस्थापित हुए हैं।तानाशाह मुहम्मद गद्दाफी की हत्या के बाद लीबिया दो भागो में विभाजित हो गया था। एलएनए समर्थित संसद का पूर्वी लीबिया पर नियंत्रण है, जबकि यूएन समर्थित जीएनए का अधिकार त्रिपोली से पश्चिमी क्षेत्र में हैं।

    संयुक्त राष्ट्र समर्थित प्रधानमंत्री फायेज अल-सेराज ने जनरल हफ्तार की सेनाओं द्वारा किए गए हमले के बीच अपने अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों की ‘चुप्पी’ की गुरुवार को निंदा की थी।

    व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप और जनरल हफ्तार ने ‘लीबिया को एक स्थिर, लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रणाली में परिवर्तित करने के लिए एक साझा दृष्टिकोण पर चर्चा की।’

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *