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    हार्दिक पांड्या

    कोलकाता नाइट राइडर्स के पूर्व कप्तान गौतम गंभीर को लगता है कि क्रिकेट और उसकी जीत और हार की तुलना में जीवन में अधिक महत्वपूर्ण चीजें हैं।

    टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए अपने कॉलम में गौतम गंभीर ने लिखा, ” मेरे लिए मुंबई इंडियंस ने खिताब जीतने के कुछ मिनट बाद आईपीएल फाइनल का सर्वश्रेष्ठ शॉट खेला। उनकी टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने अपनी बेटी समायरा के साथ खिताब पर कब्जा करने के बाद समय बिताया। उसकी गोद में बैठकर कोई नहीं जानता कि छोटी राजकुमारी क्या सोच रही थी। मैं आश्वस्त हूं और कह सकता हूं कि मुझे नही लगता की कोई ट्रॉफी एक पिता की भावना को हरा सकता है जो अपनी बेटी को धारण करता है। जीवन में क्रिकेट और उसकी जीत और हार के अलावा भी कई चीजे है।”

    गंभीर ने चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस को दबाव में बहाने और अपने खिलाड़ियों पर विश्वास बनाए रखने का श्रेय दिया, भले ही वे बल्ले से असफल रहे हों।

    जो भी टीमें प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई हुई वे सभी टीम खिताब जीतने के काबिल थी। सरासर दृढ़ता और दबाव को संभालने की क्षमता के लिए चेन्नई सुपर किंग्स और मुबंई इंडियंस की टीम अन्य टीम से ज्यादा खिताब जीतने के काबिल थी। आप यह कह सकते है कि सनराइजर्स हैदराबाद की टीम अपने विदेश खिलाड़ियो की उपस्थिती के बिना खिताब जीतने के काबिल नही थी और दिल्ली के पास अनुभव की कमी थी वह इसलिए खिताब नही जीत सकी। मुंबई और चेन्नई इसलिए अच्छी लग रही थी क्योंकि उन्होने अपनी रणनीति के मुताबिक काम किया। जीत या हार वे विचलित नहीं करते हैं। देखें जैसे अंबाती रायडू कई मैचो में प्रदर्शन नही कर पाए लेकिन चेन्नई ने उन्हे फिर भी आखिरी तक टीम में बनाए रखा। दूसरा उदाहरण शेन वाट्सन का है उनके लिए भी यह सीजन खास नही रहा लेकिन टीम ने उन्हे किसी मैच में ड्रॉप नही किया। ऐसा ही मुंबई इंडियंस के साथ भी था उन्होने इशान किशन के लिए अपनी उम्मीद बनाए रखी। जब मैं कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए कप्तानी करता था मैं भी कभी खिलाड़ी ड्रॉप करने के बारे में नही सोचता था और ज्यादा से ज्यादा मैचो में सामान्य प्लेइंग-11 के साथ उतरने की कोशिश करता था।”

    गौतम गंभीर ने हार्दिक पांड्या की भी प्रशंसा की और कहा कि टीवी शो के विवाद के बाद उन्होने यहां आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया है।

    एक और चीज मुझे इस सीजन में जो शानदार लगी मुंबई अपने टैलेंट पूल की पहचान करता है। पांड्या भाई इसका मुख्य उदाहरण है। उन्होने उनको वहा से उठाया जब वे कुछ भी नही थे और अब वह टीम की ताकत बने हुए है। ईमानदारी से, मुझे चिंता थी कि मुंबई टीम प्रबंधन हार्दिक के टॉक शो फियास्को पर कैसे प्रतिक्रिया देगा। टीम प्रबंधन ऐसी चीजो को लेकर संवेदनशील है लेकिन श्रेय उन्हे जाता है उन्होने इस चीज को आसानी से हैंडल किया। हार्दिक कभी भी गहराई से या आत्मविश्वास से बाहर नहीं दिखे। मैं उस बारे में बात नही करुंगा कि हार्दिक पांड्या ने टॉक शो में क्या कहा था लेकिन जिस प्रकार उन्होने चीजो को संभाला है में उसके लिए उनका सरहना करता हूं। दिल्ली कैपिटल्स की टीम को अपने आप पर गर्व महसूस करना होगा उनकी टीम प्लेऑफ तक पहुंची है। उन्हें एक बड़ा पूल बनाने के लिए कुछ ठोस प्रतिभाओं की आवश्यकता है जो रबाडा या अन्य की पसंद पर अपनी निर्भरता को रोक देंगे।”

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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