गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के बाद देश की सियासत गरमा गई है। अपने ऐतिहासिक फैसलों से चर्चा में रहने वाली योगी सरकार इस मुद्दे पर बैकफुट पर नजर आ रही है। विपक्ष योगी सरकार के विरुद्ध एकजुट हो गया है और नैतिकता के आधार पर उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को भी आड़े हाथों लेते हुए विपक्ष ने उनके इस्तीफे की मांग की है। एक के बाद एक विपक्ष के सभी प्रमुख नेताओं ने इस घटना पर योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है और सरकार को कमजोर करार देते हुए घटना का जिम्मेदार बताया है। बता दें कि पिछले 6 दिनों के भीतर ऑक्सीजन की कमी से 63 बच्चों ने यहाँ दम तोड़ दिया है। कहा जा रहा है कि अस्पताल को ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म का 69 लाख रूपये का बकाया हो गया था जिसके बाद उस फर्म ने ऑक्सीजन सप्लाई रोक दी थी। हालांकि अस्पताल प्रशासन ऐसी किसी भी वजह के होने से इंकार कर रहा है।
आज सुबह 11 साल के एक और बच्चे ने दम तोड़ दिया जिसके बाद से सियासत और गरमा गई। अस्पताल प्रशासन और सरकार बार-बार चिकित्सीय कारणों को बच्चों की मौत का जिम्मेदार बता रही है वहीं विपक्ष ऑक्सीजन सप्लाई की कमी को इसका जिम्मेदार बता रहा है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार सूबे में व्यवस्था बनाये में नाकाम साबित हुई है। चूँकि मामला गोरखपुर का है जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संसदीय क्षेत्र भी है इसलिए यह विषय सोचनीय हो गया है। अभी 2 रोज पहले ही मुख्यमंत्री ने अस्पताल का दौरा किया था और उसके बाद हुई इन मौतों ने अस्पताल की व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
विपक्ष का हमलावर रुख
विपक्ष ने इस मामले पर हमलावर रुख अख्तियार कर लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के निर्देश पर आज सुबह कांग्रेस का 4 सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल अस्पताल के दौरे पर आया था। इसमें गुलाम नबी आजाद, संजय सिंह, राज बब्बर और प्रमोद तिवारी शामिल थे। इन्होने घटना के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को जिम्मेदार बताया और उनसे इस्तीफे की मांग की।
आप नेता कुमार विश्वास ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को गाय, मंदिर और मदरसों से फुर्सत मिले तब ना वह इन गंभीर जमीनी मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करे। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री द्वारा 2 दिन पूर्व निरीक्षित अस्पताल का ये हाल है तो फिर शेष प्रदेश के अस्पतालों की व्यवस्था का आप खुद आंकलन कर लें।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि इस हादसे के लिए सरकार जिम्मेदार है। सरकार ने बच्चों के परिजनों को लाश देकर अस्पताल से भगा दिया था। मृत बच्चों का पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ था और सरकार यह सब कर सच्चाई छुपाना चाहती थी। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए और बच्चों के परिजनों को 20-20 लाख रूपये मुआवजा मिलना चाहिए।
गोरखपुर मे आक्सीजन की कमी से बच्चों की दर्दनाक मौत , सरकार ज़िम्मेदार।कठोर कार्यवाही हो, 20-20 लाख का मुआवज़ा दे सरकार ।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 11, 2017
बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस घटना के लिए प्रदेश की सत्ताधारी योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि इस दुखद घटना के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है और प्रदेश की भाजपा सरकार की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी घटना को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने मृतकों के परिजनों से सहानुभूति व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार को इस घटना की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। जिन लोगों की वजह से यह घटना हुई है उन्हें कठोर दंड मिलना चाहिए। मैं और कांग्रेस पार्टी इस दुःख की घडी में पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं।
Deeply pained.My thoughts are with the families of the victims.BJP govt is responsible & should punish the negligent,who caused this tragedy https://t.co/rdwDJblJEj
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 11, 2017
आप नेत्री और चांदनी चौक से विधायक अलका लाम्बा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा है कि ये सब अस्पताल में ढोंगी के अशुभ कदम पड़ने के बाद ही हुआ। गाय के मूत्र से अस्पताल को धोने के बाद वन्देमातरम होना चाहिए था। गौरतलब है कि कुछ रोज पहले ही योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल का निरीक्षण किया था। अलका लाम्बा को चर्चाओं में रहना पसंद है और इसलिए वह अक्सर ओछी बयानबाजी करती रहती हैं।
यह सब अस्पताल में ढोंगी के अशुभ कदम पड़ने के बाद ही हुआ
गाय के मूत्र से हॉस्पिटल को धोने के बाद वन्देमातरम् होना चाहिये था#YogiCarelessness https://t.co/qShNOlJ8GC— Alka Lamba (@LambaAlka) August 11, 2017
नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने इस दुखद घटना पर अफ़सोस जताते हुए इसे ‘सामूहिक हत्याकाण्ड’ कहा है। उन्होंने कहा है कि क्या भारत के बच्चों के लिए 70 साल की आजादी का मतलब यही है? उन्होंने कहा है कि यह कोई हादसा नहीं बल्कि ‘सामूहिक हत्याकाण्ड’ है।
30 kids died in hospital without oxygen. This is not a tragedy. It's a massacre. Is this what 70 years of freedom means for our children?
— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) August 11, 2017