मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से होने वाली बच्चों की मौत की संख्या 63 तक पहुँच गई है। इन मौतों को लेकर जनता में व्याप्त आक्रोश के बीच अब राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के कहने के बाद आज सुबह शीर्ष कांग्रेसी नेताओं का 4 सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल गोरखपुर पहुँचा। इसमें गुलाम नबी आजाद, संजय सिंह, राज बब्बर और प्रमोद तिवारी शामिल थे। मेडिकल कॉलेज पहुँचकर इन्होने पीड़ित परिवारों से मुलाक़ात की और कहा की यह बहुत दुखद घटना है और योगी सरकार इसके लिए जिम्मेदार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस सम्बन्ध में प्रदेश की जनता से माफ़ी मांगे और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफ़ा सौंपे। उन्होंने इस घटना को प्रदेश सरकार की नाकामी बताया और सांसदों की समिति गठित कर इसकी जाँच कराने की मांग की।
इस घटना के सन्दर्भ में आज प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात की। वे दोनों आज बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर का दौरा करेंगे और मौजूदा हालत से मुख्यमंत्री को अवगत करायेंगे। बता दें कि पिछले 5 दिनों के दौरान गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी को इसका कारण बताया जा रहा है। ख़बरों के मुताबिक अस्पताल को ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म पुष्प सेल्स ने 69 लाख रूपये का बकाया होने के बाद अस्पताल को ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दी थी जिससे इंसेफेलाइटिस और इमरजेंसी वार्ड में ऑक्सीजन की कमी हो गई थी। हालांकि अस्पताल प्रशासन ऐसी किसी भी वजह के होने से इंकार कर रहा है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी। मौतों के अन्य चिकित्सीय कारण है। वैसे यह पहली बार नहीं है जब अस्पताल को ऑक्सीजन सप्लाई रोकने की बात सामने आई हो। इससे पूर्व पिछले वर्ष अप्रैल में भी फर्म ने 10 लाख से अधिक बकाया होने पर ऑक्सीजन सप्लाई रोक दी थी पर उस वक़्त बकाया राशि का भुगतान कर सप्लाई बहाल करा ली गई थी। सम्बंधित विभागों ने ऑक्सीजन की संभावित कमी को देखते हुए अधिकारियों को दो बार 3 व 10 अगस्त को इस बाबत सूचित किया था।
इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश में हाशिए पर चल रहे विपक्ष को मानो संजीवनी मिल गई है। सभी विपक्षी दलों ने इस घटना के बाद योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेताओं ने नैतिकता के आधार पर योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की मांग की है और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को भी पद से हटाने की मांग की है। वहीं आम आदमी पार्टी नेता कुमार विश्वास ने योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार गाय, मंदिर और मदरसों से फुर्सत पाए तब ना उसका ध्यान इस तरफ जाए। उन्होंने कहा कि अभी 2 रोज पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल का निरिक्षण किया था। जब उनके संसदीय क्षेत्र के उनके द्वारा निरीक्षित अस्पताल का ये हाल है तो आप प्रदेश के बाकी अस्पतालों का हाल खुद ही समझ सकते हैं।
गोरखपुर के जिलाधिकारी ने घटना की जाँच के आदेश दे दिए हैं। इसके लिए 5 सदस्यीय जाँच दल गठित किया गया है जो आज शाम तक जिलाधिकारी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। भाजपा की तरफ से स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन भी आज अस्पताल से लौटने के बाद अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपेंगे। जाँच रिपोर्टों में चाहे जो भी दोषी हो उससे इन बच्चों को तो वापस नहीं लाया जा सकता है। अभी तक इंसेफेलाइटिस से 10,000 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है और सरकार अबतक इस विषय पर गंभीर नहीं है। सरकार को इंसेफेलाइटिस से बचाव और उसकी रोकथाम के लिए देश में पोलियो निवारण जैसा अभियान चलाने की जरुरत है और इस गंभीर मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को साथ आकर काम करना चाहिए और ओछी राजनीति करने से बचना चाहिए।