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    9 अक्टूबर : 11:40 A.M

    गुजरात हाई कोर्ट ने 2002 गोधरा कांड के दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इससे पहले इन दोषियों को मौत की सजा सुनाई गयी थी।


    गोधरा में हुए साबरमती एक्सप्रेस आगजनी मामले में आज गुजरात हाईकोर्ट में आज दोषियों पर फैसला आएगा। 2002 गोधरा में साबरमती के एक कोच में आग लगाने के मामले में एसआईटी की अदालत ने 31 दोषियों को सजा सुनाई गयी और 63 को अदालत ने बरी कर दिया था। अदालत के इस फैसले को गुजरात सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। आज गुजरात हाईकोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी।

     

    27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस, जिसमे अयोध्या से आये कारसेवक थे, के एस6 बोगी को आग के हवाले कर दिया गया था। इस बोगी में लगभग 59 लोग थे। इस आग के बाद पुरे गुजरात में दंगे फ़ैल गए जिसमे करीब 1000 लोगो की मौत हो गयी थी। इस मामले में एसआईटी की अदालत ने 2011 में दोषियों को सजा सुनाई थी। अदालत ने कुल 31 लोगो को सजा सुनाई, जिसमे 11 को फांसी और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। और साथ ही अदालत ने 63 आरोपियों को बरी कर दिया था। गुजरात हाईकोर्ट में गुजरात सरकार ने आरोपियों को बरी करने के फैसले पर चुनौती दी थी।

     

    जिन लोगो को इस मामले में निर्दोष घोषित किया गया उनमे मुख्य आरोपी थे मौलाना उमरजी, गोधरा म्युनिसिपेलिटी के तात्कालिक प्रेजिडेंट मोहम्मद हुसैन कलोता, मोहम्मद अंसारी और उत्त्तरप्रदेश के गंगापुर के रहने वाले नानुमियाँ चौधरी आदि थे, इस हालत पर गुजरात सरकार ने एक आयोग गठित किया था, इसपर नानावती के जाँच की रिपोर्ट आयी जिसमे लिखा था कि साबरमती के एस6 कोच में लगी आग कोई हादसा नहीं था, बल्कि इसे आग के हवाले किया कर दिया गया था।