बॉलीवुड की क्लासिक पुरानी फ़िल्में देखना किसे नहीं पसंद है? कुछ लोगों का मानना है कि पुरानी बॉलीवुड फिल्मों और गानों में जो रस होता था वह आज की बॉलीवुड फिल्मों में नहीं है।
फिलहाल तो सिनेमाघरों में ‘लुका छुप्पी’ और ‘टोटल धमाल’ जैसी फ़िल्में हिट हो रही हैं और काफी सुर्खियां बटोर रही हैं पर आज हम बात करने जा रहे हैं 1982 में आज ही के दिन यानी 5 मार्च को रिलीज़ हुई फिल्म ‘अंगूर’ की।
‘अंगुर’ संजीव कुमार और देवेन वर्मा की दोहरी भूमिका वाली 1982 की कॉमेडी फ़िल्म है और इसका निर्देशन गुलज़ार ने किया था। यह फिल्म ‘दो दूनी चार’ का रीमेक है, जो 1963 की बंगाली भाषा की कॉमेडी फिल्म ‘भंतिबिलास’ की रीमेक थी, जो ईश्वर चंद्र विद्यासागर के बंगाली उपन्यास पर इसी नाम से आधारित है, जो खुद शेक्सपियर के नाटक ‘द कॉमेडी ऑफ एरर्स’ पर आधारित है।
फिल्म में सभी पात्र निर्दोष हैं और भाग्य सभी पात्रों को एक स्थान पर लाने में मुख्य भूमिका निभाता है। फिल्म दो जुड़वा बच्चों पर आधारित है जो जन्म के समय अलग हो जाते हैं लेकिन बड़े होकर फिर से मिलते हैं।
राज तिलक (उत्पल दत्त) और उनकी पत्नी (शम्मी) अपने जुड़वां बेटों के साथ यात्रा पर जाते हैं। चूंकि वे समान दिखते हैं, इसलिए वे दोनों को अशोक कहते हैं।
उनदोनों ने एक और जुड़वा बच्चों को गोंद लिया होता है जिन्हे वह उसी तर्क के आधार पर बहादुर कहते हैं। एक समुद्री दुर्घटना के कारण एक अशोक और बहादुर माँ के साथ तथा दूसरे पिता के साथ रह जाते हैं।
इस दुर्घटना में उनका परिवार बिखर जाता है और फिर वे बड़े होकर भाग्य के खेल से एक ही शहर में आ जाते हैं तब हास्यप्रद परिस्थितियां पैदा होती हैं क्योंकि अब एक ही शहर में दो अशोक और दो बहादुर हैं।
फिल्म में संजीव कुमार, देवेन वर्मा, मौसमी चटर्जी, अरुणा ईरानी, दीप्ति नवल, सी.एस.दुबे, यूनुस परवेज़, टी.पी. जैन और कर्नल कपूर मुख्य भूमिकाओं में हैं।
फिल्म के लेखक और निर्देशक गुलज़ार हैं और संगीत राहुल देव बर्मन ने दिया था। यह फिल्म बॉलीवुड की शानदार फिल्मों में से एक मानी जाती है।
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