राज्य में अल्पसंख्यक गुर्जरों की मांग को मानते हुए सरकार ने उन्हें अतिरिक्त पांच फीसद आरक्षण देने की बात कही। जिसके बाद शनिवार को राजस्थान सरकार की ओर लिखित में आश्वासन पाकर धरने पर बैठे गुर्जरों ने आंदोलन खत्म कर दिया है।
गुर्जरों समेत अन्य चार अल्पसंख्यक समुदायों का साथ मिलकर सड़क, रेलवे ट्रैक आदि बंद करके आक्रोश जता रहे प्रदर्शनकारियों का धरना आठ दिन तक चला।
कर्नल बैंसला के नेतृत्व में 9 दिन से चल रहे SBC/OBC समाज के आंदोलन की समाप्ति का मैं स्वागत करता हूँ। जब-जब गुर्जर समाज के आंदोलन हुए हैं तब हम लोगों ने वार्ता एवं संवाद के माध्यम से सुलझाया है, बिना पुलिस के बल प्रयोग के हम लोग कामयाब रहे हैं।#Rajasthan
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 16, 2019
गुर्जरों के नेता किरोड़ी सिंह बेन्सेला के बेटे विजय बेन्सेला ने पीटीआई को कहा, “हम राज्य सरकार का बहुत-बहुत धन्यावाद करते हैं कि उन्होंने हमारी समस्या के निवारण हेतु काम किया और सभा में तमाम दिक्कतें होने के बावजूद विधेयक को पारित किया। हमें लिखित में आश्वासन देने के लिए भी हम उनके प्रति कृतज्ञ हैं।”
आज भी हमें दुःख है कि बीजेपी शासन में 72 गुर्जर पुलिस की गोली के शिकार होकर मारे गए थे। #Rajasthan
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 16, 2019
राज्य के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह सरकार की ओर से प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने ही राज्य सरकार का लिखित आश्वासन गुर्जरों को सौंपा और धरना खत्म करने के लिए कहा।
उत्तर-पश्चिम रेलवे के प्रभारी ने बताया कि इस धरने के कारण 64 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा था। बीते आठ दिनों में तकरीबन 71 ट्रेनों के रुट पूर्ण रुप से डाइवर्ट किए गए। साथ ही लगभग 32 ट्रेनों का रुट आंशिक तौर पर डायवर्ट किया गया था। वहीं पश्चिमी-मध्य रेलवे के प्रभारी ने बताया कि आंदोलन के कारण 148 ट्रेनें रद्द की गई। तकरीबन 143 के रुट डायवर्ट हुए और 52 ट्रेनों की दूरी को कम कर दिया गया था।
BJP शासन में जब भी आंदोलन हुए हैं तो कांग्रेस के नेताओं ने आंदोलनकारियों से हमेशा शांति बनाने की अपील की है लेकिन मुझे दुःख है कि कांग्रेस शासन में जब भी ऐसे आंदोलन हुए हैं,BJP के वरिष्ठ नेताओं ने भी हमेशा इनको भड़काने का कार्य ही किया है।यही फर्क है कांग्रेस और बीजेपी की सोच में
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 16, 2019
8 फरवरी को बेन्सेला व उसके समर्थक मालारना डुंगर के करीब सवई मधोपुर जिले के रेलवे ट्रैक पर अपने 5 फीसद आरक्षण की मांग को लेकर बैठ गए थे। बुधवार को राजस्थान विधानसभा ने इस पर संज्ञान लेते हुए पांच समुदायों के ओर से आरक्षण की मांग को मंजूरी दे दी है।