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    गुजरात विधानसभा चुनाव

    गुजरात विधानसभा चुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुका है। चुनावी प्रचार में भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने का भी कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। बीते दिनों कांग्रेस के युथ विंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कई अपमानजनक ट्वीट किए थे और उन्हें ‘चायवाला’ कह कर सम्बोधित किया था। पर कांग्रेस का यह दांव उल्टा पड़ गया है। चायवाला अकेले पूरी कांग्रेस पर भारी पड़ रहा है। पीएम मोदी ने अपने गुजरात दौरे पर इसका जिक्र करते हुए कहा, “मैंने चाय बेची है, देश नहीं बेचा।” बातों-बातों में नरेंद्र मोदी गुजरात की जनता से यह कह रहे हैं कि कांग्रेस गरीबों के खिलाफ है। वो गरीब परिवार से आते हैं इसलिए कांग्रेस उनसे नफरत करती है। नरेंद्र मोदी कांग्रेस के इस चायवाले ट्वीट पर माहौल अपनी ओर करने में सफल होते नजर आ रहे हैं।

    राहुल पर भारी पड़ गया चायवाला

    गुजरात विधानसभा चुनाव काफी समय पहले से ही देश के सियासी पटल पर छाया हुआ है। अगस्त महीने में हुए गुजरात राज्यसभा चुनावों में अहमद पटेल को मिली जीत ने शंकर सिंह वाघेला की बगावत से मृतप्राय पड़ी कांग्रेस को पुनर्जीवित किया था। इसके बाद से ही कांग्रेस गुजरात में अपने चुनावी प्रचार अभियान में जुट गई थी और सियासी माहौल अपने पक्ष में करने की पुरजोर कोशिश कर रही थी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने गुजरात में पार्टी के पक्ष में सियासी जमीन तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत की थी। उनकी यह मेहनत रंग भी लाई थी और उनके धुआँधार प्रचार अभियान को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा था। कांग्रेस ने गुजरात में भाजपा के खिलाफ आन्दोलनरत जातियों को भी साध लिया था और दशकों बाद कांग्रेस भाजपा के सामने लड़ाई में थी। पर चायवाले बयान की वजह से राहुल की मेहनत पर पानी फिर सकता है।

    गुजरात विधानसभा चुनाव
    यूथ कांग्रेस द्वारा बनाया गया चायवाला मेमे

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने हालिया गुजरात दौरे पर पहले दिन से ही इस चायवाला प्रकरण को तूल दे रहे हैं। मीडिया इस शब्द से काफी पहले से परिचित है और इस वजह से इसे अच्छी-खासी कवरेज मिल रही है। पीएम मोदी की सम्बोधन शैली से सभी वाकिफ हैं और इस प्रकरण को आसानी से ‘तिल का ताड़’ बनाने की कुव्वत रखते हैं। अपने हालिया सम्बोधनों में पीएम मोदी ने इसका जिक्र भी किया था और इसे गरीबों से जोड़ा था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस उनको इसलिए नापसंद करती है क्योंकि वह एक चायवाले थे और गरीब तबके से आते हैं। पीएम मोदी अपने सम्बोधनों में गुजराती को प्रमुखता दे रहे हैं और जनता से आसानी से जुड़ने के लिए पूर्णतया गुजराती में ही भाषण दे रहे हैं। अब यह देखना है कि चायवाला कांग्रेस को कितना महँगा पड़ता है।

    गुजरात में मजबूत दिख रही थी कांग्रेस

    गुजरात में चुनाव प्रचार के शुरूआती चरण से ही कांग्रेस मजबूत नजर आ रही थी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने गुजरात में समय पूर्व प्रचार अभियान शुरू कर दिया था और आर्थिक मोर्चे पर पीएम मोदी और भाजपा को घेरना शुरू कर दिया था। फिर वह चाहे जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताना हो या नोटबंदी को विफल साबित करना, हर मुद्दे पर राहुल अपना पक्ष मजबूती से रखते नजर आए। सोशल मीडिया पर भी राहुल और कांग्रेस की छवि सुधरी थी और ‘विकास पागल हो गया’ कैम्पेन ने कांग्रेस की उम्मीदों को नई ऊँचाइयाँ दी थी। अपने चुनावी दौरों के दौरान राहुल ने कभी भी पीएम मोदी पर पर्सनल अटैक नहीं किया और वह मुद्दों पर आधारित राजनीति करते नजर आए। राहुल गाँधी इसे विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का मजबूत बिंदु बनाना चाह रहे थे।

    कांग्रेस के लिए सबकुछ अच्छा चल रहा था तभी यूथ कांग्रेस ने पीएम मोदी पर ‘चायवाला’ मेमे बनाकर ट्वीट किया। कांग्रेस ने इस मुद्दे से पल्ला झाड़ने की कोशिश की पर भाजपा ने इसे चुनावी मुद्दा बना लिया। पीएम मोदी ने गुजरात में अपने चुनावी प्रचार अभियान की शुरुआत 27 नवंबर से राजकोट में की। राजकोट में अपने पहले ही सम्बोधन में पीएम मोदी चायवाला को मुद्दा बना लिया और इसे गरीबी से जोड़ दिया। सभा को सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “कांग्रेस मुझे नापसंद करती है, क्‍योंकि मैं गरीब परिवार से हूँ। इसलिए नापसंद करती है। हाँ, एक गरीब परिवार का व्‍यक्‍ति देश का प्रधानमंत्री बन गया है। हाँ, मैंने चाय बेची है, लेकिन मैंने देश बेचने का पाप नहीं किया। मैं कांग्रेस से आग्रह करता हूँ, वे गरीबों का मजाक न उड़ाएं।” कांग्रेस ‘चायवाला’ प्रकरण की वजह से गुजरात में बैकफुट पर दिख रही है।

    ‘गरीब विरोधी’ बनी कांग्रेस

    देश में कांग्रेस की छवि अब तक ‘हिंदुत्व विरोधी’ दल की थी लेकिन उसकी इस छवि में बदलाव आता दिख रहा है। गुजरात की जनता में कांग्रेस की छवि गरीब विरोधी दल की बनती जा रही है। भाजपा चायवाला प्रकरण के बाद से राज्यभर में कांग्रेस को गरीब विरोधी दल कह रही है। इसकी शुरुआत खुद पीएम मोदी ने की है और भाजपा की हर रैलियों में यह बात सुनने को मिल रही है। जिस जीएसटी, नोटबंदी और बेरोजगारी के मुद्दों पर भाजपा गुजरात में बैकफुट पर नजर आ रही है वह अब कहीं खो से गए हैं। अब गुजरात विधानसभा चुनाव पूरी तरह से चायवाला पर केंद्रित हो गया है। यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस पीएम मोदी पर व्यक्तिगत टिप्पणी कर खुद ही फँस गई हो। लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का ऐसा ही बयान पीएम मोदी के पक्ष में काम कर गया था।

    इवांका ट्रम्प ने भी किया चायवाले का जिक्र

    बीते 28 नवंबर को हैदराबाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी और उनकी सलाहकार इवांका ट्रम्प ने भी नरेंद्र मोदी के चायवाले होने का जिक्र किया। पीएम मोदी के हौसले की तारीफ करते हुए इवांका ने कहा, “नरेंद्र मोदी का एक चाय बेचने वाले से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक का सफर अविश्वसनीय है।” इवांका के इस सम्बोधन का फायदा भी भाजपा और पीएम मोदी को हुआ। भाजपा यह कह रही है कि एक चायवाले के प्रधानमंत्री बनने के सफर को अन्तरराष्ट्रीय मंच पर भी गर्व से देखा जाता है लेकिन कांग्रेस को यह नापसंद है और वह इसका मजाक उड़ा रही है। कांग्रेस इससे पूर्व भी कई नाजुक मौके गलत जुबान की वजह से गँवा चुकी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि एक ‘चायवाला’ गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम को कितना प्रभावित करता है और पलड़ा किस ओर झुकता है।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।