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    मोदी बनाम मणिशंकर

    गुजरात विधानसभा चुनाव में आरोप के दौर तेज है। दोनों ही पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा रही है। इसी कर्म में मोदी को राहुल पर निशाना साधने का मौका उस समय मिल गया जब कांग्रेस के मणिशंकर ने राहुल का बचाव करते हुए उनके ताजपोशी पर बयान दिया। दरअसल मणिशंकर राहुल को बचाने के लिए मुग़ल काल के उदाहरणों का सहारा लेने लग गए।

    शहजाद पूनावाला को जवाब देने के लिए उन्होने मुगलो के उदाहरण क्या दिया उनका यह दाव उल्टा पड़ गया। मणिशंकर ने मुगलों की चयन प्रक्रियाएं के उदाहरण देते हुए कहा कि “जब जहांगीर की जगह शाहजहां आए, तब कोई चुनाव हुआ ? जब शाहजहां की जगह औरंगजेब आए, तब कोई चुनाव हुआ? नहीं, क्योंकि पहले से पता था कि जो भी बादशाह है उनकी औलाद ही बनेंगे, लेकिन लोकतंत्र में चुनाव होता है और शहजाद पूनावाला को मैं आमंत्रण देता हूं कि वो आकर चुनाव लड़ें।” 

    मोदी ने मणिशंकर के बयान पर इस तरह से राजनितिक दाव खेला कि अब विपक्ष के लिए जवाब देना मुश्किल होता नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री ने मणिशंकर के बयान को कांग्रेस विरोधी रूप में पेश करते हुए आज रैली में कहा कि कांग्रेस खुद मानती है कि राहुल बादशाह के बेटे है और इसलिए उनका चुनाव नहीं हो रहा बल्कि राजकुमार का राजा होना तय था।

    मोदी ने कांग्रेस पर वयंग करते हुए कहा कि आपको औरंगजेब राज मुबारक हो। मणिशंकर के बयान को ना सिर्फ मोदी ने चुनावी रैली में इस्तेमाल किया बल्कि उसे पार्टी के ट्वीटर अकाउंट पर भी पोस्ट किया। बीजेपी ने अपने ट्वीटर पर लिखा कि “कांग्रेस का मानना है कि जहांगीर की जगह शाहजहां और शाहजहां की जगह औरंगज़ेब जैसे बिना चुनाव के बादशाह बने थे, वैसे ही उनके अध्यक्ष के लिए चुनाव की ज़रूरत नहीं है। कांग्रेस को उनका ‘औरंगज़ेब राज’ मुबारक।हमारे लिए देश की 125 करोड़ जनता सर्वोपरि है।” 

    मणिशंकर को शायद अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि उनके बयान को इस तरह से पेश किया जाएगा। उन्होंने नहीं सोचा होगा कि उनके बयान पर मोदी पर हेलीकॉप्टर शॉट खेल जाएंगे। अब बात को हाथ से निकलता देख मणिशंकर सबको सफाई देते फिर रहे है। उन्होने मोदी के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मोदी ने मेरे बयान को गलत ढंग से इस्तेमाल किया है।

    कांग्रेस पार्टी का पक्ष लेते हुए मणिशंकर ने कहा कि राहुल के ताजपोशी में किसी भी तरह का वंशवाद नहीं है। उन्होने कहा कि ‘वंशवाद तब होता है जब चुनाव नहीं होता और राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के लिए चुनाव हो रहा है और कोई भी उम्मीदवार यहां चुनाव लड़ सकता है।

    उल्लेखनीय है कि राहुल के अध्यक्ष बनने के खिलाफ शहजाद पूनावाला ने सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि में भी अध्य्क्ष पद के लिए चुनाव लड़ना चाहता था लेकिन कांग्रेस पार्टी में राहुल का अध्य्क्ष बनना पहले से तय था। उन्होने कहा था कि “राहुल का इस पद के लिए इलेक्शन नहीं सिलेक्शन होगा।”